बिहार में बाढ़ से कई इलाकों में बिगड़ रहे हालात को लेकर NDRF की तैनाती, नेपाल लगातार छोड़ रहा पानी

बिहार के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बिगड़ रही है। नेपाल द्वारा 4.4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। साथ ही लगातार बारिश भी हो रही है, जिससे कई नए इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।

Update: 2020-07-22 04:31 GMT

जनज्वार ब्यूरो, पटना। नेपाल द्वारा गंडक बराज में लगातार पानी छोड़े जाने और लगातार बारिश से बिहार के कई इलाकों मेंं बाढ़ की स्थिति बिगड़ती जा रही है। नेपाल द्वारा 4.4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बीते कुछ दिनों से नेपाल के तराई इलाकों और बिहार में बारिश होने से गंगा को छोड़ अन्य सभी बड़ी नदियां खतरे का निशान पार कर चुकीं हैं। गंडक बराज में लगातार पानी छोड़े जाने के कारण बिहार के कई नए इलाकों में भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे कई जिलों में अलर्ट जारी कर एहतियातन लोगों को सुरक्षित और ऊंचे स्थानों पर भेजा जा रहा है। राज्य के 19 जिलों में NDRF की  तैनाती कर दी गई है।

किशनगंज जिला की प्रमुख नदियों, महानंदा, कनकई, मेची एवं डौक तथा सहायक नदियों के उफनाने से कोचाधामन, दिघलबैंक, बाहदुगंज, पोठिया एवं टेढ़ागाछ आदि प्रखंडों के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। परेशान लोग पलायन कर सुरक्षित स्थान की तालाश में निकल पड़े हैं। मंगलवार को महानंदा, कनकई एवं नेपाल की सीमा से सटे मेची नदी में जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुँच गया है।

जिला पदाधिकारी डाॅ आदित्य प्रकाश ने कहा ' महानंदा नदी बाढ़ के हाई लेवल (एचएफएल) 67.22मीटर के नजदीक पहुंच कर 66.84मीटर पर है। कनकई चरघरिया नदी का जलस्तर एचएफएल 48.00 मीटर के करीब 46.95 मीटर है एवं नेपाल सीमा में मेची नदी का जलस्तर एचएफएल 83.66 मीटर के करीब एवं 80.58 मीटर पर मंगलवार सुबह आठ बजे तक बढ़ते क्रम में थी। अब तक 28.2 मिलीमीटर बारिश हुई हैं। महानंदा बैराज डिस्चार्ज वाटर 208.378 क्यूसेक एवं डौक बैराज डिस्चार्ज वाटर 112.619 क्यूमेक पूर्वाह्न तक किया गया है।'

उधर नेपाल क्षेत्र में भारी बारिश के कारण गंडक बराज के जलस्तर में लगातार इजाफा हो रहा है। जल स्तर के वृद्धि होने के कारण एहतियातन गंडक बराज के फ़ाटकों को खोल दिया गया है। गंडक बराज में जल स्तर में वृद्धि हो रही है, पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। जिसे देखते हुए तराई क्षेत्र में हाई अलर्ट घोषित करते हुए अभियंताओं व कर्मचारियों को चौकन्ना कर दिया गया है।

जलस्तर बढ़ने के कारण गंडक बराज के गेटों को खोल दिए जाने से तराई क्षेत्रों में नदी से सटे दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बराज के पास स्थित लव कुश घाट, लक्ष्मीपुर, रमपुरवा पंचायत के ठाड़ी गांव, चकदहावा के रहुआ टोला, झंडू टोला, कान्ही टोला, बिन टोली गांव में लगभग 5 फीट तक पानी भर गया है। इन गांवों के सैकड़ो लोग घरों की छत पर चढ़कर तथा ऊंचे स्थानों पर जाकर बाढ़ से बचने का प्रयास कर रहे हैं।

वाल्मीकि नगर क्षेत्र में स्थित एसएसबी 21वीं वाहिनी के झंडू टोला, रहुआ टोला, ठाडी टोला पोस्ट में बाढ़ का पानी घुस गया है। झंडू टोला कैंप पूरी तरह से जलमग्न हो गया है वहां लगभग 6 फीट पानी का बहाव हो रहा है। जिस कारण जवानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के कई वनक्षेत्र जो गंडक नदी के किनारे हैं, उनमें बाढ़ का पानी भर गया है। वहीं वाल्मिकीनगर के हवाई अड्डा पर भी बाढ़ का पानी चढ़ गया है। यहां रनवे सहित हवाई पट्टी भी जलमग्न हो गई है।

पश्चिमी चंपारण जिला के बगहा के ग्राम पंचायत सलहा बरियरवा के ग्राम झारमहुई में पहाड़ी मसान नदी की बाढ़ की चपेट में आने से कई घर ढह गए हैं और कई घर के लोग दूसरे के घर  में शरण लिए हुऐ हैं। जानवरों की भी परेशानी हो रही है और झार्महवी अजमल नगर, तमकुही में मसान नदी का भीषण कटाव जारी है। जमुनिया, सलाहा, मुसहर टोली, जिगना, मुरला, बरियारवा में मसान नदी का पानी घुस गया है, संपर्क मार्ग टूट गया है।

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