केंद्रीय टीम बोली, दिल्ली-मुंबई की तरह बिहार में भी फोर 'टी' का फॉर्म्युला अपनाएं, जांच का पैटर्न बदलें
केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की टीम ने राज्य सरकार को फोर 'टी' अपनाने का सुझाव देते हुए कहा कि दिल्ली-मुंबई यही पैटर्न अपनाकर सफल हुए हैं।
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच केंद्रीय टीम पटना आई है। टीम ने पटना के कण्टेन्मेंट ज़ोन का दौरा करते हुए वहां लोगों का आवागमन जारी रहने को देख नाराजगी भी जताई। टीम ने पटना के राजीव नगर कण्टेन्मेंट ज़ोन का दौरा किया।
स्वास्थ्य विभाग की केंद्रीय टीम ने कहा कि बिहार में जांच का पैटर्न और संख्या बढाकर ही सफलता मिल सकती है। उन्होंने फोर 'टी', यानि ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और ट्रैकिंग का फॉर्म्युला अपनाने का सुझाव देते हुए कहा कि यही फॉर्म्युला अपनाकर दिल्ली और मुंबई जैसे सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र स्थिति को नियंत्रित करने में सफल हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग को हॉटस्पॉट और कण्टेन्मेंट ज़ोन की पहचान कर उस क्षेत्र में फोर 'टी' पर तेजी से काम करना चाहिए।
टीम का नेतृत्व कर रहे संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने देश के विभिन्न राज्यों के अनुभवों को बिहार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ साझा करते हुए कहा कि कोरोना से इस लड़ाई में केंद्र हर तरह की मदद को तैयार है।
बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत ने टीम को राज्य सरकार द्वारा इस क्षेत्र में किए गए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने राज्य के मेडिकल कॉलेजों में 100-100 बेड के कोरोना वार्ड, आइसोलेशन सेंटर, कोरोना डेडिकेटेड अस्पतालों आदि के बारे में भी बताया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की इस उच्चस्तरीय टीम में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक डॉ एसके सिंह और एम्स के मेडिसिन विभाग के एसोशिएट प्रोफेसर डॉ नीरज निश्छल शामिल हैं। उधर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कल तंज कसते हुए कहा था कि कोरोना कंट्रोल में राज्य सरकार की विफलता के कारण केंद्रीय टीम भेजी जा रही है। उन्होंने अनुरोध किया था कि टीम आंकड़ों में पारदर्शिता लाने का निर्देश राज्य सरकार को दे और राज्य को ज्यादा से ज्यादा केंद्रीय सहायता दिलाने की अनुशंसा करे।
राज्य में कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। 19 जुलाई को मरीजों का कुल आंकड़ा 26379 पर पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 19 जुलाई की संध्या 4 बजे तक इनमें से 16597 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 179 मरीजों की मौत हो चुकी है। राज्य में अभी 9602 ऐक्टिव केस हैं। चिंता की बात यह है कि पिछले कुछ दिनों से मरीजों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है और विगत लगभग एक सप्ताह से प्रतिदिन 1 हजार से ज्यादा संक्रमित मरीज मिल रहे हैं, जिस कारण अस्पतालों में अचानक से भीड़ बढ़ गई है।