बाहुबली शहाबुद्दीन की तिहाड़ जेल प्रशासन ने की जमानत याचिका खारिज, पिता के अंतिम संस्कार में नहीं हो पायेंगे शामिल
पूर्व सांसद ने तिहाड़ जेल महानिदेशक को भेजी अपनी अर्जी में कहा था कि पिता शेख मोहम्मद हसीबुल्लाह का शनिवार 19 सितंबर को देहांत हो गया है और परिवार का बड़ा बेटा होने के नाते उनके अंतिम संस्कार की रस्में पैतृक गांव बिहार के सीवान जिले के प्रतापुर गांव में निभानी हैं...
जनज्वार, पटना। राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद तथा बाहुबली शहाबुद्दीन ने बिहार चुनाव से पहले तिड़ाड़ जेल प्रशासन से दो हफ्ते की परोल पर छोड़ने की गुहार लगाई थी, जिसे तिहाड़ प्रशासन ने खारिज कर दिया है।
पूर्व सांसद ने तिहाड़ जेल महानिदेशक को भेजी अपनी अर्जी में कहा है कि उनके पिता शेख मोहम्मद हसीबुल्लाह का शनिवार 19 सितंबर को देहांत हो गया है और परिवार का बड़ा बेटा होने के नाते उनके अंतिम संस्कार की रस्में पैतृक गांव बिहार के सीवान जिले के प्रतापुर गांव में निभानी हैं, इसलिए उन्हें दो हफ्ते की परोल दी जाए।
पूर्व बाहुबली विधायक शहाबुद्दीन इस वक्त तिहाड़ जेल नंबर दो में बंद हैं। उनकी तरफ से मोहम्मद इफ्तिखार अहमद ने मामले में पैरवी कर रहे हैं। शहाबुद्दीन के 90 वर्षीय पिता कई दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन के बाद शहाबुद्दीन के समर्थक उनके गांव पहुंच गए और पूर्व सांसद को परोल पर निकालने की कवायद में जुट गए।
समाचार लिखे जाने तक दिवंगत को सुपुर्द-ए-खाक नहीं किया जा सका था। आज रविवार 20 सितंबर की देर शाम या सोमवार 21 सितंबर की सुबह में अंतिम संस्कार की संभावना है।
शहाबुद्दीन 2016 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शहाबुद्दीन का केस बिहार से दिल्ली ट्रांसफर किया गया था। इसके बाद फरवरी 2017 में शहाबुद्दीन को बिहार से दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया था। तब से पूर्व सांसद यहीं कैद हैं।
साल 2004 के तेजाब कांड समेत कुल 37 मामलों में शहाबुद्दीन आरोपी हैं और उसी के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं। सितंबर 2016 में उसे पटना हाईकोर्ट ने जमानत दी थी। इसके बाद वो बेऊर जेल से बाहर आते ही नीतीश सरकार के खिलाफ बयान देना शुरू कर दिया था।
इसके बाद बिहार सरकार हाईकोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करते हुए तिहाड़ भेजने का आदेश दिया था।