बिहार के पूर्व विधायक राजनंदन की पत्नी के साथ एक ही चिता पर हुई अंत्येष्टि

पति के निधन पर गांव और आसपास के लोग दुख प्रकट करने के साथ उनके बीच अटूट प्रेम की कहानी की भी चर्चा कर रहे हैं....

Update: 2020-12-30 14:03 GMT

गोपालगंज। आमतौर पर देखा जाता है कि 'साथ जीने और साथ मरने' की कसम खाने वाले पति-पत्नी का साथ जीवन के अंतिम समय में छूट जाता है, लेकिन बिहार के गोपालगंज में एक बुजुर्ग दंपति ने साथ निभाने का वादा जीवन के अंतिम सांस तक निभाया। एक ही चिता पर दोनों की अंत्येष्टि हुई।

सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक 85 वर्षीय राजनंदन राय ने बैकुंठपुर प्रखंड के महारानी गांव में सोमवार को दोपहर के बाद अंतिम सांसें ली। संयोगवश इनके निधन के 20 मिनट के बाद ही उनकी पत्नी 80 वर्षीय शारदा देवी ने भी दमतोड़ दिया।

दंपति के निधन पर गांव और आसपास के लोग दुख प्रकट करने के साथ उनके बीच अटूट प्रेम की कहानी की भी चर्चा कर रहे हैं।

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ग्रामीणों के मुताबिक, पूर्व विधायक राय पिछले एक सप्ताह से बीमार चल रहे थे। वे साल 1969 से 1972 तक सोनबरसा विधानसभा क्षेत्र के विधायक थे। राय पिछले बीस साल से अधिक समय से महारानी गांव में ही रह रहे थे।

राजनंदन राय के पुत्र लालबाबू राय ने बताया कि उनके पिता जी की तबीयत एक-दो सप्ताह से खराब चल रही थी। इसी बीच सोमवार की शाम उनका निधन हो गया। उन्होंने बताया कि पिता के निधन के बीस मिनट बाद ही मां शारदा देवी का भी निधन हो गया।

इधर, गांव के लोगों का कहना है कि शादी के समय जो सात जन्मों तक साथ निभाने का वचन इस दंपति ने लिया था, वह अंतिम समय तक निभाया। मंगलवार को डुमरिया के नारायणी नदी के तट पर एक ही चिता पर दोनों का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान सैकड़ों लोगों की आंखें नम थीं। हर किसी की जुबान पर इस दंपति के प्यार और समर्पण की चर्चा थी।

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