मृत घोषित लड़की जीवित गांव लौटी, हत्या के आरोप में पांच महीने से जेल की सजा काट रहा है प्रेमी
लड़की किसी और लड़के के साथ यूपी चली गयी थी, लेकिन उसी दौरान एक अज्ञात शव मिलने पर उसके परिजनों ने उसे अपनी बेटी का शव बताया और उसके प्रेमी पर हत्या का आरोप लगाया गया...
जनज्वार। बिहार के भागलपुर जिले के नवगछिया में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक जीवित लड़की को मृत घोषित कर दिया गया और उसकी हत्या के आरोप में एक युवक संतोष कुमार पांच महीने से जेल की सजा काट रहा है। यह मामला नवगछिया के रंगरा के तीनटंगा गांव के झल्लूदास टोला का है। यहां की एक 14 वर्षीया लड़की एकता कुमारी को मृत घोषित कर दिया गया और उसकी हत्या के आरोप में एक युवक पांच महीने से जेल में बंद है।
नरहरि मंडल की बेटी एकता कुमारी को जीवित बरामद किए जाने के बाद शनिवार को उसका बयान अदालत में दर्ज कराया गया और पुलिस ने मेडिकल चेकअप कराया। एकता कुमारी ने कोर्ट में दिए बयान में कहा है कि वह गांव के ही सुबोध कुमार नामक युवक के साथ उत्तरप्रदेश गयी। वहां सुबोध ने उससे शादी की, लेकिन 10 दिन बाद ही बच्चू यादव नामक एक अधेड़ से उसकी शादी जबरन करा दी।
लड़की के बयान के अनुसार, बच्चू यादव उसे परेशान करता जिसके बाद परेशान होकर वह अपने गांव भाग कर आ गयी। इसके बाद पुलिस ने उसे गांव के नरेश मंडल के घर से बरामद किया।
दरअसल, जब एकता कुमारी गांव से गयी थी तो उसी दौरान 29 जुलाई को एक लाश मिली थी, जिसे आखिरकार एकता के शव के रूप में चिह्नि किया गया। अब जब एकता जीवित है तो यह स्पष्ट हो गया है कि वह शव उसका नहीं किसी और का था। ऐसे में पुलिस ने कहा है कि अब इस मामले की जांच नए सिरे से की जाएगी और यह पता किया जाएगा कि 29 जुलाई को जब्त शव किसका था।
जब एकता गायब हुई थी तब भी संतोष यह कहता था कि वह उसे खोज कर जरूर लाएगा। उसके ऐसा कहने से लड़की के घर वालों का संदेह उस पर और गहरा गया और जब लड़की नहीं मिली तो उसी पर हत्या का मुकदमा कर दिया।
पुलिस अब इस मामले में लड़की से शादी करने वाले सुबोध और बच्चू यादव को ढूंढ रही है। दरअसल, एकता कुमारी कहती थी कि वह संतोष से प्रेम करती है इसलिए जब वह घर से चली गयी तो उसकी हत्या के शक में उसे आरोपी बनाया गया और जेल भेज दिया।
वहीं, इस मामले में बरामद शव की शिनाख्त में लड़की के परिवार वाले व पुलिस की चूक स्पष्ट हो चुकी है। सिर कटी लड़की का शव बरामद किए जाने के बाद उसका तुरंत डीएनए टेस्ट भी नहीं कराया गया था। डीएनए टेस्ट कराने से पहले ही परिजनों ने शव को एकता कुमारी के शव के रूप में चिह्नित किया और डीएनए रिपोर्ट आने से पहले ही पुलिस ने मामले में आरोप पत्र दायर कर दिया, जिस वजह से युवक जेल की सजा काट रहा है।