बिहार में 65 वर्षीय महिला 14 महीने में 8 बार 'मां' बनी !

बिहार में सरकारी योजनाओं में घपले-घोटाले की बात कोई नई है न ही आश्चर्यजनक। अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में बच्चे को जन्म देनेवाली महिलाओं को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में बड़ा घोटाला सामने आया है।

Update: 2020-08-21 09:25 GMT

जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में सरकारी योजनाओं में घपले-घोटाले की बात कोई नई है न ही आश्चर्यजनक। अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में बच्चे को जन्म देनेवाली महिलाओं को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में बड़ा घोटाला सामने आया है।

मामला मुजफ्फरपुर जिला का है।राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की इस योजना में कई ऐसी महिलाओं के भी नाम सामने आए हैं, जिनकी उम्र 60 वर्ष से भी ज्यादा है और पिछले बीस वर्षों में उन्हें कोई बच्चा नही हुआ है। वैसी कई महिलाओं के खातों में प्रोत्साहन राशि डालकर पैसे की निकासी कर ली गयी है, जबकि उन लाभुक महिलाओं को एक बार भी पैसा नहीं मिला है।

घोटालेबाज यहीं नहीं रुके हैं, बल्कि एक ही महिला के खाते में एक वर्ष में ही कई-कई बार प्रोत्साहन राशि 1400 रुपये डाले गए हैं और उसकी निकासी भी कर ली गयी है।

मुजफ्फरपुर के मुसहरी प्रखंड की 65 वर्षीय महिला शांति देवी के खाते में एक बार नहीं, बल्कि 13 महीने के भीतर 6 बार 1400 रुपये की राशि भेजी गई है। पहली बार 3 जुलाई 2019 को स्वास्थ्य विभाग से 1400 रुपये खाते में भेजा गया। 3 जुलाई 2019 को ही फिर से शांति देवी के खाते में 1400 रुपये भेजे गए। यानि एक ही तारीख में दो बार स्वास्थ्य विभाग ने राशि भेजी।

इसके बाद यह सिलसिला चलता रहा और हरेक 3 माह पर खाते में 1400 रुपये की राशि आ रही है। अंतिम बार इस माह में 3 अगस्त को 11400 रुपये खाते में भेजे गए, जबकि शांति देवी को एक बार भी रुपये नहीं मिले। इनके खाते से राशि क्रेडिट होने के अगले दिन ही रुपये निकाल भी लिए गए।

उधर, शांति देवी ने कहा 'हमारा उम्र है कि बच्चा होगा। इस उम्र में मेरे नाम पर पैसा आया और निकासी हुई। हमको जानकारी तक नहीं है। मेरे पति 10 वर्षो से बेड पर हैं।'

वहीं, मामला सामने आने के बाद संबंधित सीएसपी संचालक फरार हो गया है। इससे जाहिर होता है कि घोटाले में सीएसपी संचालक की मिलीभगत है।

जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने मामले पर संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा 'यह एक गंभीर मामला है। इसमें 4 सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया है, जिसको 2 दिन में रिपोर्ट देना है। अगर यह मामला सत्य पाया जाता है तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।'

मालूम हो कि जननी सुरक्षा योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य गरीब गर्भवती महिलाओं के संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देना है। केंद्र सरकार इसके लिए गर्भवती महिलाओं को आर्थिक मदद देती है।

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