नीतीश के ड्रीम प्रोजेक्ट नल जल योजना के ठेकेदारों के ठिकानों पर छापे, 2.28 करोड़ की नकदी जब्त
बिहार में नल जल योजना एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान लगातार यह कहते रहे हैं कि उनकी सरकार बनी तो नल जल योजना की जांच करवायी जाएगी और घोटालेबाजों पर कार्रवाई होगी। वहीं, महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी यादव ने भी कहा है कि नल जल योजना के ठेकेदारों के यहां कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है।
जनज्वार। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हर घर तक स्वच्छ पेय जल पहुंचाने के ड्रीम प्रोजेक्ट नल जल योजना के दो ठेकेदारों के 15 ठिकानों पर पांच जिलों में छापे पड़े हैं। बिहार के पटना, भागलपुर, गया व कटिहार जिलों में ठेकेदारों के ठिकानों पर छापे मारे गए। गुरुवार को हुई छापेमारी में 2.28 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई है। पटना में जिन दो बड़े ठेकेदारों के यहां छापे मारे गए वे नल जल योजना से जुड़े हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गणाधिपति कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के मालिक जनार्दन प्रसाद एवं नालंदा एंजीकाॅम प्राइवेट लिमिटेड के मालिक विवेकनांद प्रसाद व सरयू प्रसाद के यहां आयकर विभाग ने सर्वे किया है। इन दोनों के नल जल योजना से जुड़े होने की बात बतायी गई है। हालांकि आयकर विभाग ने यह स्पष्ट रूप से नहीं बताया कि कहां और कितना कैश मिला है। प्रभात खबर अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, जनार्दन प्रसाद के कंकड़बाग व पाटलीपुत्र स्थित आवास से दो करोड़ से अधिक कैश बरामद किए गए। वहीं, विष्णु इंजिकाॅम के मालिक रवि चैरसिया के धनबाद स्थित ठिकाने से कुछ दिन पहले आयकर विभाग ने 91 लाख जब्त किए थे।
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मालूम हो कि बिहार में नल जल योजना एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान लगातार यह कहते रहे हैं कि उनकी सरकार बनी तो नल जल योजना की जांच करवायी जाएगी और घोटालेबाजों पर कार्रवाई होगी। वहीं, महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी यादव ने भी कहा है कि नल जल योजना के ठेकेदारों के यहां कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। उन्होंने नीतीश सरकार के समय 30 हजार करोड़ का घोटाला का आरोप लगाया है।
मालूम हो कि जनज्वार ने भी लखीसराय जिले के गुणसागर गांव से नल जल योजना की ग्राउंड रिपोर्ट की थी। उक्त वीडियो रिपोर्ट में ग्रामीणों ने बड़े पैमाने पर नल जल योजना में गड़बड़ी की बात कही थी। ग्रामीणों ने यह आरोप लगाया था कि स्टीमीट से कम का काम कराया जाता है और एक योजना से जहां 60 से 70 घर को लाभान्वित होना चाहिए, वहीं 10 से 15 घर ही लाभान्वित होते हैं।
आयकर विभाग ने जिन ठेकेदारों पर कार्रवाई की हैं, उसमें कई स्टोन चिप्स के कारोबार से भी जुड़े हैं।