PMCH में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर, मरीजों के परिजनों का डंडों से इलाज कर रहे सुरक्षाकर्मी!
पीएमसीएच में बच्चे के टूटे पैर के रॉड का नंबर पूछने आए अमितेश को सुरक्षा गार्डों ने पीट दिया, वह रो-रोकर अपना हाल सुनाता रहा, पर किसी ने मदद नहीं की..
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार के मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में जूनियर डॉक्टर बीते आठ दिनों से हड़ताल पर हैं। लिहाजा मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। मरीजों और उनके परिजनों के बीच त्राहिमाम की स्थिति है।
मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में भर्ती मरीज बड़ी संख्या में पलायन कर निजी अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर हो गए हैं। अस्पतालों में मरीजों के जरूरी ऑपरेशन भी टाल दिए जा रहे हैं। न तो जूनियर डॉक्टर अपनी मांगों से पीछे हट रहे हैं, न सरकार उनकी मांगों को मान रही है और इसका नतीजा है कि दो पाटों के बीच मरीज पिस रहे हैं।
इसके बीच राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पटना स्थित पीएमसीएच में तैनात सुरक्षा गार्डों के मरीजों, परिजनों और मीडियाकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार की कई घटनाएं सामने आईं हैं। हाल में ही रात में कवरेज करने गए एक यूट्यूब चैनल के पत्रकारों को पीएमसीएच की सुरक्षा में तैनात एजेंसी के सुरक्षाकर्मियों द्वारा दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया था।
यूट्यूब चैनल के पत्रकारों का कहना था कि वे पीएमसीएच में मरीजों के परिजनों की स्थिति को दिखाने की कोशिश कर रहे थे। यह मामला अभी ठंढा भी नहीं पड़ा था कि बुधवार को पीएमसीएच के सुरक्षाकर्मियों द्वारा वहां एक बच्चे के पिता को महज इसलिए पीट दिया गया, क्योंकि वह अपने बच्चे के टूटे पैर के लिए रॉड का नम्बर पूछने की हिमाकत कर बैठा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीएमसीएच में बच्चे के टूटे पैर के रॉड का नंबर पूछने आए अमितेश को सुरक्षा गार्डों ने पीट दिया। इसके बाद वह रो-रोकर अपना हाल सबको सुनाता रहा, पर किसी ने उसकी मदद नहीं की।
पीएमसीएच के मरीजों और परिजनों का कहना है कि जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं और दर्द से तड़प रहे मरीजों के परेशान परिजनों का वहां तैनात सुरक्षा गार्ड डंडों से इलाज कर रहे हैं।
अमितेश कुमार अपने बच्चे को लेकर पटना जिला के नौबतपुर से आये थे। उनके दो साल के बच्चे का दो दिन पहले पैर टूट गया था। बच्चे के टूटे पैर के रॉड का नंबर पूछने गए तो सुरक्षा गार्डों ने पीट दिया।
PMCH में दूर-दूर से आए मरीज हफ्ते भर से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। किसी को भर्ती होने का इंतजार है तो कोई अस्पताल के वार्ड में पड़े-पड़े तड़प रहा है। किसी का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है तो किसी की ड्रेसिंग नहीं हो पा रही।
पिछले एक सप्ताह से जारी जूनियर डॉक्टरों की इलाज के कारण मरीजों का बुरा हाल है। दूर-दराज से आये मरीज के परिजन मायूस होकर लौट रहे हैं। जिनके पास पैसे हैं वे प्राइवेट अस्पताल का रुख कर रहे हैं। वहीं मरीजों के जख्म पर मरहम लगाने की जगह सरकार और PMCH प्रशासन उनका दर्द और बढ़ा रहा है।
पीएमसीएच में यूट्यूब चैनल के पत्रकारों की वहां के सुरक्षकर्मियों द्वारापिटाई के बाद यह मामला काफी तूल पकड़ गया था। घटना के बाद पीएमसीएच प्रशासन द्वारा सुरक्षा गार्ड की एजेंसी को नोटिस देकर जवाबतलब करने की बात कही गई थी। उसका क्या फलाफल निकला, यह तो अबतक सामने नहीं आया है, पर सुरक्षकर्मियों द्वारा उस घटना के बाद एक बार फिर मरीज के परिजन की पिटाई जरूर कर दी गई है।