अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर, स्वास्थ्य सेवा प्रभावित

पीएमसीएच जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) के प्रमुख डॉ. हरेंद्र कुमार ने बताया कि हमलोगों की प्रमुख मांग स्टाइपेंड की राशि बढ़ाने की है....

Update: 2020-12-23 09:20 GMT

पटना। स्टाइपेंड की राशि बढ़ोतरी की मांग को लेकर बुधवार की सुबह से बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के कारण राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हुई है।

पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) के प्रमुख डॉ. हरेंद्र कुमार ने बताया कि हमलोगों की प्रमुख मांग स्टाइपेंड की राशि बढ़ाने की है।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक तीन साल के बाद स्टाइपेंड की राशि बढ़ाने का सरकार ने 2017 में भरोसा दिया था, लेकिन उस समय के बाद अब तक स्टाइपेंड की राशि में बढ़ोतरी नहीं की गई है।

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उन्होंने कहा कि इसको लेकर कई बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की गई लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। आखिरकार हम लोगों को हड़ताल पर जाना पड़ा।

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि राज्य के पीएमसीएच, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) सहित सभी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर और इंटर्न इस हड़ताल में शामिल हैं।

हड़ताल की जानकारी डॉक्टरों ने अस्पताल के प्राचार्य के साथ स्वास्थ्य विभाग को भी पत्र लिखकर दे दी है। हड़ताल की वजह से मरीजों की मुश्किलें अब काफी बढ़नेवाली हैं, क्योंकि कोरोना काल में सामान्य और इमरजेंसी मरीजों का इलाज मेडिकल कॉलेजों में प्रभावित होगा। ऐसे में सरकार की भी चुनौतियां बढ़ गई हैं।

इससे पहले भी जूनियर डॉक्टर अपनी किसी भी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाते रहे हैं और एक बार फिर आज से अनिश्चित कालीन हड़ताल के बाद ये चेतावनी दी है कि जब तक लिखित आश्वासन सरकार के तरफ से नहीं मिल जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगा।

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