मुंगेर गोलीकांड से विवादों में फंसी आइपीएस लिपि सिंह, महागठबंधन की मांग हाइकोर्ट की निगरानी में हो जांच
मुंगेर गोलीबारी के बाद आइपीएस लिपि सिंह सबके निशाने पर हैं। आम लोग, राजनैतिक दल के लोग से लेकर कई आइपीएस अधिकारी भी उनकी तीखी आलोचना कर रहे हैं। लोग उन्हें बरखास्त करने की मांग कर रहे हैं...
जनज्वार। बिहार के मुंगेर में दुर्गा पूजा के बाद देवी दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान लोगों पर की गई पुलिस की हिंसक कार्रवाई का मामला तूल पकड चुका है। महागठबंधन के घटक दलों ने बुधवार को पटना में एक प्रेस कान्फ्रेंस कर इस मामले की हाइकोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हम मुंगेर गोलीबारी की निंदा करते है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद गृहमंत्री भी हैं और डबल इंजन सरकार की इसमें भूमिका है। उन्होंने कहा कि हम उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी से पूछना चाहते हैं कि मुंगेर की एसपी लिपि सिंह को जनरल डायर बनने की अनुमति किसने दी। तेजस्वी ने कहा कि इस मामले की जांच हाइकोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार और भाजपा सरकार की सरपरस्ती में मां दुर्गा के उपासकों को जानबूझ कर निशाना बनाया जा रहा है। पुलिस ने इतनी निर्ममतापूर्वक मां दुर्गा के भक्तों की पिटाई की, गोलियां चलाई की सोच कर रूह कांप जाती है। उन्होंने कहा कि इसके बाद भजपा व जदयू की सरकार को एक मिनट भी गद्दी पर बैठने का अधिकार नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार ने अराजकता की सारी हदें पार कर दी है और वर्दी में अपराधियों की खुली छूट दे दी है। यह सरकार शाप व पाप की भागी है। नैतिकता का यह मापदंड है कि अब एक मिनट भी नीतीश कुमार व सुशील कुमार मोदी को कुर्सी पर नहीं रहना चाहिए।
घटना के बाद से सोशल मीडिया पर मुंगेर नरसंहार व लिपि सिंह डायर कर रहा है ट्रेंड
यह घटना सोमवार रात की मुंगेर के लोहापट्टी इलाके में मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के वक्त घटी, जब पुलिस विसर्जन करने जा रहे लोगों पर लाठियां बरसाने लगी। इस घटना के बाद से ही सोशल मीडिया पर मुंगेर नरसंहार व वहां की एसपी लिपि सिंह ट्रेंड कर रही हैं। लोग आइपीएस लिपि सिंह को जनरल डायर बता रहे हैं जिसने आजादी के पहले जालियांवाला बाग में गोलियां चलवायी थी।
सीबीआइ के पूर्व निदेशक नागेश्वर राव ने भी मांग की है कि मुंगेर के डीएम व एसपी का ट्रांसफर किया जाना चाहिए और पीड़ित के परिवार को पांच करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाना चाहिए। चर्चित आइपीएस व कर्नाटक की गृह सचिव डी रूपा ने भी इस घटना की निंदा की है और कहा है कि प्रतिमा विसर्जन के दौरान लोगों को काबू में करने के लिए पुलिस कार्रवाई मं नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा सीआरपीसी में अनियंत्रित भीड़ को तितर-बितर करने के लिए न्यूनतम बल प्रयोग और भीड़ के अवरोध पैदा करने पर बल की उचित संख्या निर्धारित है।
मालूम हो कि 2016 बैच की आइपीएस अधिकारी लिपि सिंह जदयू के कद्दावर नेता व राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह की बैटी हैं। लिपि सिंह इससे पहले बाहुबली विधायक अनंत सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर चर्चा में आयी थीं।
मुंगेर के व्यापारियों ने भी इस कार्रवाई की निंदा की है और कार्रवाई नहीं होने तक बंद रखने का आह्वान किया है। लोग ट्विटर पर लगातार लिपि सिंह को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने यह कार्रवाई कुछ उपद्रवियों द्वारा की गई पत्थरबाजी के बाद की जिसमें कुछ पुलिस वाले घायल हो गए।