मीडिया हाउसों की छंटनी, पत्रकारों पर हमले और प्रशासनिक उत्पीड़न के विरुद्ध पटना में निकला मार्च

देश के विभिन्न राज्यों में पत्रकारों पर बढ़ते हिंसक हमले, सरकारी और प्रशासनिक उत्पीड़न तथा समाचार पत्र उद्योग प्रबंधन द्वारा कोरोना के भीषण संकट काल में पत्रकारों एवं गैर पत्रकारों की छटनी के खिलाफ बिहार के पत्रकारों ने आज राजधानी पटना में सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया....

Update: 2020-09-13 16:14 GMT

छंटनी, पत्रकारों पर हमलों और प्रशासनिक उत्पीड़न के खिलाफ पटना में पत्रकारों ने निकाला विरोध मार्च

पटना, जनज्वारपत्रकारों पर लगातार हो रहे हमले, कोरोनाकाल में पत्रकारों की छंटनी, पत्रकारों के प्रशासनिक उत्पीड़न के खिलाफ पटना में पत्रकारों ने एक मार्च निकाला। इस मार्च में पत्रकारों ने मांग किया कि कोरोना काल में मीडिया हाउसों में पत्रकारों और गैर पत्रकारों की छंटनी को बंद किया जाय और उनके उत्पीड़न पर रोक लगाई जाय।

देश के विभिन्न राज्यों में पत्रकार पर बढ़ते हिंसक हमले, सरकारी और प्रशासनिक उत्पीड़न तथा समाचार पत्र उद्योग प्रबंधन द्वारा कोरोना के भीषण संकट काल में पत्रकारों एवं गैर पत्रकारों की छटनी के खिलाफ बिहार के पत्रकारों ने आज राजधानी पटना में सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया। पत्रकार अपनी मांगों के समर्थन में बैनर-पोस्टर भी लहरा रहे थे।

राजधानी पटना के डाकबंगला चौराहे से पत्रकारों का यह मार्च निकला। यह मार्च प्रमुख सड़कों से गुजरते हुए आकाशवाणी तक गया। मार्च में उपस्थित पत्रकारों ने खूब नारे भी लगाए।

पत्रकारों का कहना था कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान मीडिया हाउसों द्वारा पत्रकारों और गैर पत्रकार स्टाफ की बड़ी संख्या में छंटनी कर दी गई है। कॉस्ट कटिंग के नाम पर और घाटा दिखाकर ये छँटनियाँ की गई हैं।

कोरोना काल में जब सभी कोरोना के कारण परेशान हैं और खतरों से खेलते हुए कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं, वैसी परिस्थिति में उनकी छंटनी करना निहायत ही गलत और अमानवीय है। इसके साथ ही पत्रकारों पर हमले भी बढ़ गए हैं। प्रशासनिक दमन हो रहा है, पत्रकारों पर झूठे और फर्जी मुकदमे किए जा रहे हैं।

इस प्रदर्शन में पत्रकार कृष्ण कांत ओझा ,संजीव कुमार सिंह, प्रवीण बागी, प्रियरंजन भारती, मृत्युंजय मानी ,विजय अग्रवाल, एस एन श्याम, राकेश प्रवीर आदि पत्रकार मुख्य रूप से शामिल थे।

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