Nidhi Kesarwani Suspension : दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे घोटाले में फंसी पूर्व डीएम निधि केसरवानी, योगी ने लिया एक्शन, किसी भी समय हो सकती हैं 'सस्पेंड'

Nidhi Kesarwani Suspension : गाजियाबाद की तत्कालीन डीएम निधि केसरवानी ने दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे में मुआवजा देने में खेला था भ्रष्टाचार का बड़ा खेल। योगी सरकार ने मामला प्रकाश में आने के बाद की संस्पेंशन की संस्तुति।

Update: 2022-05-05 05:48 GMT

Big News : दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे में कई करोड़ के भ्रष्टाचार में फंसी पूर्व डीएम निधि केसरवानी, किसी भी समय हो सकती हैं सस्पेंड

Nidhi Kesarwani Suspension : दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (  Delhi Meerut Expressway ) में मुआवाजा राशि आवंटन में भ्रष्टाचार ( Compensation Scam ) का बड़ा खेल सामने आया है। अब इस मामले में गाजियाबाद की तत्कालीन डीएम निधि केसरवानी ( Former DM Nidhi Kesarwani ) के सस्पेंड होना तय है। योगी सरकार ( Yogi Government )  ने गाजियाबाद ( Ghaziabad ) की तत्कालीन डीएम निधि केसरवानी को सस्पेंड ( Suspension ) करने के लिए केंद्र सरकार ( Centgral Government ) से संस्तुति की है। निधि केसरवानी का सस्पेंड होना तय माना जा रहा है। यूपी सरकार के इस रुख से नौकरशाहों के बीच भूचाल की स्थिति है। 

मंडलायुक्त की रिपोर्ट पर योगी का एक्शन

भ्रष्टाचार के इस खेल में दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi-Meerut Expressway) में भूमि अधिग्रहण में तय कीमत से 20 करोड़ रुपए से अधिक का मुआवजा देकर अधिकारियों ने भ्रष्टाचार ( Delhi Meerut Expressway  Scam ) का खेल खेला था। तत्कालीन मंडलायुक्त प्रभात कुमार की रिपोर्ट पर सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत तत्कालीन डीएम निधि केसरवानी को संस्पेंड (Nidhi Kesarwani Suspend) किए जाने के साथ ही केंद्र सरकार को विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है। निधि केसरवानी इस समय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं।

निधि ने 6 गुना से अधिक मुआवजे का भुगतान किया

2004 बैच की आईएएस निधि केसरवानी ( Nidhi Kesarwani )  जिले में 20 जुलाई 2016 से 28 अप्रैल 2017 तक डीएम के पद पर तैनात थीं। वह मणिपुर कैडर की अधिकारी हैं। निधि केसरवानी पर आरोप है कि दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के तय किए गए अवॉर्ड राशि से छह गुना अधिक मुआवजा का भुगतान किया गया है। जबकि तत्कालीन डीएम विमल कुमार शर्मा ने अवॉर्ड राशि से दस गुना तक अधिक मुआवजा दिया है। भूमि अधिग्रहण में मुआवजे के भुगतान में अधिकारियों ने 20 करोड़ रुपये से अधिक का भ्रष्टाचार का खेल खेला गया है। 

ऐसे हुआ भ्रष्टाचार का पर्दाफाश

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक डीएमई के भूमि अधिग्रहण में नाहल, कुशलिया, डासना और रसूलपुर सिकरोड़ क्षेत्र की जमीन अधिग्रहण में भ्रष्टाचार का खेल हुआ। जमीन का अधिग्रहण 2011-12 में 71.14 हेक्टेयर की हुई। इस क्षेत्र का अवार्ड 2013 में घोषित किया गया था। 2016 में क्षेत्र के 23 किसानों ने मंडलायुक्त से शिकायत की थी। किसानों का कहना था कि उनकी जमीन एक्सप्रेस-वे में अधिग्रहीत की गई हैं, लेकिन उन्हें मुआवजा नहीं मिला है। तत्कालीन मंडलायुक्त प्रभात कुमार ने अपने स्तर पर जांच कराई। जांच में इस खेल का पता चला। तत्कालीन मंडलायुक्त ने सितंबर 2017 में जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी। रिपोर्ट में दो आईएएस अधिकारी और एक पीसीएस अधिकारी के शामिल होने की बात कही गई है।

गलत तरीकों से खरीदवाई जमीन, घोषित किए मनमाने अवॉर्ड

तत्कालीन मंडलायुक्त प्रभात कुमार की जांच में पता चला कि डीएमई की भूमि अधिग्रहण की धारा-3 (डी) हो चुकी थी। इसके बाद भी किसानों को गुमराह करते हुए जमीन को अधिकारियों के रिश्तेदार और परिजनों ने खरीदा। जबकि अधिग्रहण की धारा—3 की कार्रवाई के बाद संबंधित क्षेत्र में जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लग जाती है। इसके बावजूद एडीएम भू अर्जन और डीएम ने मिलीभगत करते हुए 10 गुना तक मुआवजा ले लिया। सारे घोटाले में गाजियाबाद के तत्कालीन डीएम विमल शर्मा व निधि केसरवानी की भूमिका को भी संदिग्ध माना गया है। आर्बिट्रेशन के 8 ऐसे मामलों को पकड़ा गया है जो विमल शर्मा व केसरवानी की कोर्ट में तय हुए और करीब 10 गुना तक मुआवजा दिया गया है।

ADM के बेटे शिवांग राठौर ने भी खरीदी जमीन

पूर्व मंडलायुक्त प्रभात कुमार की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि तत्कालीन एडीएम भूअर्जन के बेटे शिवांग राठौर ने गांव नाहल कुशलिया में सितंबर 2013 को 1582.19 रुपए प्रति वर्ग मीटर से जमीन खरीदी थी। जमीन को 1235.18 रुपए प्रति वर्ग मीटर के रेट से अवार्ड किया था। अधिग्रहण की अधिसूचना 7 अगस्त 2012 को हो चुकी थी। जमीन को जमीन एक करोड़ 78 लाख पांच हजार 539 रुपए में खरीदी गई और आर्बिट्रेशन के बाद इसका मूल्य 9 करोड़ 36 लाख 77,449 बना। ऐसे में इन्हें 7 करोड़ 58 लाख 71 हजार 910 रुपए का लाभ हुआ। अमीन संतोष कुमार की पत्नी लोकेश बेनीवाल, मामा रनवीर सिंह व पुत्र दीपक तथा पुत्र वधू दिव्या आदि ने नाहल में 9 खसरा नंबरों की जमीन अधिसूचना जारी होने के बाद खरीदी।

अपनों के लिए इस दर से जारी किए अवॉर्ड

1. केता शिवांग आर्बिट्रेटर राठौर विमल शर्मा तिथि 15 जनवरी 2016 अवार्ड 617.59 आर्बिट्रेशन दर 6500

2. क्रेता रनवीर सिंह आर्बिट्रेटर विमल शर्मा तिथि 4 जुलाई 2016 अवार्ड 1235.18 आर्बिट्रेशन 5577

3. क्रेता दिव्या सिंह आर्बिट्रेटर निधि केसरवानी तिथि 6 फरवरी 2017 अवार्ड 1235.18 आर्बिट्रेशन दर 6515

4. क्रेता दीपक सिंह आर्बिट्रेटर निधि केसरवानी तिथि 6 फरवरी 2017 अवार्ड 482.00 आर्बिट्रेशन दर 6515

5. क्रेता इदरीस ताज आर्बिट्रेशन निधि केसरवानी तिथि 6 फरवरी 2017 अवार्ड 1235.18 आर्बिट्रेशन दर 6500

6. क्रेता लोकेश बेनीवाल आर्बिट्रेशन विमल शर्मा तिथि 4 जुलाई 2016 अवार्ड 1235.18 आर्बिट्रेशन 5577

7. क्रेता शाहिद शमीम आर्बिट्रेटर निधि केसरवानी तिथि 6 फरवरी 2017 अवार्ड 1235.18 आर्बिट्रेशन दर 6500

8. क्रेता यूसुफ इमरान आर्बिट्रेटर निधि केसरवानी तिथि 6 फरवरी 2017 अवार्ड 1235.18 आर्बिट्रेशन दर 6500

इसलिए हुआ दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे तैयार होने में विलंब

Nidhi Kesarwani Suspension : प्रभात कुमार की जांच के बाद अड़ंगा लग जाने से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का करीब छह किमी का निर्माण अटका गया था। चार गांव डासना, कुशलिया, नाहल और रसूलपुर सिकरोड में करीब 19 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण अटका है। छह एकड़ जमीन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे में जानी है। एक्सप्रेस-वे का तीन किलोमीटर का हिस्सा इसमें फंसा है। प्रोजेक्ट इसकी वजह से करीब 6 महीने से अधिक समय तक लेट हुआ था।

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