संविदा कर्मियों को लेकर नई गाइडलाइन पर बवाल के बाद नीतीश सरकार ने दी सफाई
संविदा या ठेके पर नियुक्त कर्मियों की सेवा को लेकर बिहार सरकार ने एक गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों को एक माह की नोटिस देकर हटाया जा सकता है..
जनज्वार ब्यूरो, पटना। राज्य में ज्यादातर नौकरियां अब ठेके, आउटसोर्सिंग और संविदा पर की जा रही हैं। इस तरह से नियुक्त कर्मियों की न तो नौकरी की सुरक्षा होती है, न वेतन या मानदेय ही पूरा मिल पाता है। ऐसे कर्मी स्थायी नौकरी के वेतन की अपेक्षा अत्यल्प वेतन पर काम करते हैं।
इस बीच बीते 22 जनवरी को संविदा या ठेके पर नियुक्त कर्मियों की सेवा को लेकर बिहार सरकार ने एक गाइडलाइन जारी की थी। गाइडलाइन में कहा गया था कि संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों को एक माह की नोटिस देकर कभी भी हटाया जा सकता है। उसके बाद बवाल मच गया था और विपक्षी दल हमलावर हो गए थे।
जारी बवाल के बीच अब इस मामले में नीतीश सरकार बैकफुट पर आती दिख रही है। 22 जनवरी को जारी गाइडलाइन पर बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने अपनी सफाई दी है।
सामान्य प्रशासन की विज्ञप्ति में कहा गया है कि उच्चस्तरीय समिति की अनुशंसाओं का लाभ मिले, इसके लिए संकल्प संख्या १००३ दिनांक १८ जुलाई २००७ को संशोधित करते हुए २२ जनवरी को नया संकल्प जारी किया गया है।
विभाग ने बाजाप्ता प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि राज्य में संविदा कर्मियों के लिए एक साल की सेवा की सीमा पहले से तय थी। नई गाइडलाइन में तो इनकी सेवा शर्तों में लाभ दिया जा रहा है। सामान्य संविदा कर्मियों को राज्य सरकार ने नियमित नियुक्ति में वेटेज देने की सुविधा दी गई है। इस फैसले से संविदा कर्मियों को सरकारी सेवा में लाभ मिलेगा।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा किसी सुविधा में कटौती नहीं करने का दावा भी किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने गाइडलाइन में संविदा कर्मियों के संबंध में सही तथ्यों से अवगत कराने का दावा किया है। इसमें संविदा पर नियोजित कर्मियों को पूर्व से मिल रही किसी सुविधा में कोई कटौती नहीं करने की बात कही गई है। दावा किया गया है कि पूर्व से संविदा पर नियोजित कर्मियों के साथ-साथ भविष्य में नियोजित होने वाले ऐसे कर्मियों को भी और कई बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
सामान्य प्रशासन विभाग ने कहा है कि विभिन्न प्रकार के अवकाश, प्रत्येक वर्ष मानदेय का पुनरीक्षण, अनुग्रह अनुदान, यात्रा व्यय, सभी विभागों में नियमित नियुक्ति में वेटेज आदि सुविधाएं भी अब उपलब्ध होंगी।
हालांकि नियोजित शिक्षकों और बेल्ट्रान के माध्यम से विभिन्न सरकारी विभागों और कार्यालयों में डाटा इंट्री ऑपरेटर के रूप में नियोजित कर्मियों सहित कई अन्य कैटेगरी के कर्मियों को पहले से ही विभिन्न तरह के अवकाश, अनुग्रह अनुदान, पीएफ आदि के लाभ मिलते रहे हैं। ऐसे में नया गाइडलाइन जारी करने का औचित्य क्या हो सकता है, यह तो सरकार ही बता सकती है।