बिहार : नई कैबिनेट की हो गई पहली बैठक, पर मंत्रियों को विभाग आवंटित नहीं कर पाये हैं नीतीश, सत्र अगले सप्ताह

आम तौर पर शपथ ग्रहण के कुछ घंटों के अंदर ही मंत्रियों को विभागों का बंटवारा कर दिया जाता है, लेकिन नीतीश कुमार अपनी नई कैबिनेट की पहली बैठक के बाद भी अबतक विभाग का बंटवारा नहीं कर पाए हैं, उधर, अमित शाह ने शपथ ग्रहण के बाद बिहार भाजपा के प्रमुख नेताओं के साथ अहम बैठक की है...

Update: 2020-11-17 07:12 GMT

नीतीश कुमार व अमित शाह का फाइल फोटो।

जनज्वार, पटना। बिहार में नीतीश कुमार की नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक मंगलवार सुबह 11 बजे सीएम आफिस में हुई। इस बैठक में शामिल होने के बाद बाहर निकले मंत्रियों ने कहा कि अभी उन्हें विभाग नहीं मिले हैं और समय आने पर यह पता चल जाएगा। वहीं, विधानसभा सत्र अगले सप्ताह सोमवार से शुरू होने की जानकारी मंत्रियों द्वारा दी गई।

कैबिनेट की बैठक में विधानसभा सत्र को लेकर निर्णय लिया गया है। छठ पर्व के बाद 23 नवंबर से 27 नवंबर तक विधानसभा का सत्र चलेगा, जिसमें नई सरकार का शक्ति परीक्षण होगा। सूत्रों के हवाले से खबर है कि विशेष सत्र के लिए पूर्व मुख्यमंत्री व हम अध्यक्ष जीतन राम मांझी प्रोटेम स्पीकर होंगे। विशेष सत्र के दौरान सरकार अपना बहुमत साबित करने के साथ ही स्पीकर व डिप्टी स्पीकर का चयन किया जाएगा।

कैबिनेट की पहली बैठक हो जाने के बाद भी मंत्रियों को विभाग आवंटित नहीं होने से यह स्पष्ट है कि भाजपा व जदयू के बीच इसको लेकर आखिरी सहमति नहीं बन सकी है। सोमवार को शपथ ग्रहण के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पटना के होटल मौर्य में तीन घंटे तक भाजपा के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में भाजपा कोटे के विभागों के बंटवारे पर मंत्रणा की गई।

आम तौर पर शपथ ग्रहण के कुछ ही घंटों के अंदर मंत्रियों को आवंटित विभागों का पता चल जाता है, लेकिन इस बार इसमें विलंब हुआ है। भाजपा 74 विधायकों के साथ नीतीश कुमार के 43 विधायकों वाले जदयू की तुलना में अधिक मजबूत स्थिति में है। ऐसे में नीतीश कुमार की निर्भरता पूर्व की सरकारों की तुलना में भाजपा पर अधिक बढ गई है।

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