गंगा के नाम पर बिहारी युवाओं को भाजपा ने कुदाया नाले में, सरकारी नहीं दिहाड़ी नौकरी देगी नीतीश सरकार
बिहार में नीतीश कुमार की नई सरकार बनने के बाद सरकार ने एक बार फिर विभागों से संविदा नियुक्ति के लिए ही रिक्त पदों का ब्यौरा मांगा है, जबकि चुनाव में पक्की सरकारी नौकरी एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना हुआ था...
जनज्वार, पटना। बिहार चुनाव में भाजपा ने राजद की 10 लाख पक्की नौकरियों के विरुद्ध 19 लाख रोजगार का भरोसा दिलाया था। पर, बिहार में एक बार फिर नीतीश सरकार बनने के बाद सरकारी नौकरी को लेकर लिए गए उसके पहले फैसले से ही यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य के युवा अनिश्चितता के भंवर में फंसेंगे, क्योंकि उनकी स्थायी नहीं संविदा नियुक्ति ही होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नियंत्रण वाले सामान्य प्रशासन विभाग ने 17 नवंबर को विभिन्न विभागों के प्रमुखों को एक पत्र जारी कर विभिन्न विभागों में संविदा पर नियुक्ति के लिए रिक्त पदों का विवरण मांगा है, ताकि उसके लिए नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढायी जा सके।
सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव गुफरान अहमद की ओर से जारी इस पत्र में कहा गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार, पटना के संकल्प संख्या 2401, दिनांक: 18.07.2007 द्वारा संविदा के आधार पर नियोजन प्रक्रिया एवं मार्गदर्शक सिद्धांत निरूपित की गई है और उस संकल्प के आधार पर राज्य सरकार के विभिन्न विभागों एवं कार्यालयों में संविदा के आधार पर अधिकारियों व कर्मियों की नियुक्ति की गई है। उस संकल्प के आधार पर अन्य पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
पत्र के अनुसार, विभिन्न विभागों में संविदा के आधार पर नियुक्ति प्रस्तावित है और इसके लिए राज्य सरकार संबंधित विभाग में आवश्यक व रिक्त पदों की सूचना एकत्र कर रही है और उसी के लिए संबंधित विभागों से उसके यहां का ब्यौरा मांगा गया है। इसमें सिर्फ सेवानिवृत कर्मियों के संविदा नियोजन को अपवाद रखा गया है, यानी उनका ब्यौरा नहीं मांगा गया है।
सामान्य प्रशासन विभाग के इस पत्र में कहा गया है कि संबंधित विभाग खुद के यहां व खुद के नियंत्रण वाले विभिन्न कार्यालयों में रिक्त पदों का ब्यौरा श्रेणी वार उपलब्ध करवायें। सामान्य प्रशासन विभाग ने स्वीकृति पदों के विरुद्ध संविदा नियोजित व कार्यरत पदाधिकारियों एवं कर्मियों की संख्या, स्वीकृत पदों के विरुद्ध संविदा नियोजन हेतु प्रक्रियाधीन पदाधिकारियों एवं कर्मियों के पदों की संख्या, स्वीकृत पदों के विरुद्ध संविदा नियोजन हेतु प्रस्तावित पदाधिकारियों एवं कर्मियों की संख्या, साथ ही आवश्यकता आधारित पदों पर की गई संविदा पर नियुक्त किए गए पदाधिकारियों एवं कर्मियों की संख्या का ब्योरा मांगा गया है।