तेजस्वी यादव को नीतीश कुमार ने नहीं दिया गृह मंत्रालय, पथ निर्माण और स्वास्थ्य से करना पड़ा संतोष

Update: 2022-08-16 09:28 GMT

तेजस्वी यादव को नीतीश कुमार ने नहीं दिया गृह मंत्रालय, पथ निर्माण और स्वास्थ्य से करना पड़ा संतोष

Patna : बिहार ( Bihar ) में जेडीयू-भाजपा गठबंधन टूटने के बाद नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) के नेतृत्व में बनी महागठबंधन सरकार का मंगलवार को विस्तार हो गया। कुल 31 मंत्री बनाए गए हैं और उनके विभागों का बंटवारा भी कर दिया गया है। नीतीश कुमार ने नई मंत्रिपरिषद में अपनी पकड़ पहले से ज्यादा मजबूत कर ली है। यानि आरजेडी के पास भाजपा से ज्यादा विधायक होने के बाद भी नीतीश कुमार पर पहले से कम दबाव होगा और वो ज्यादा स्वतंत्र होकर काम कर पाएंगे। ये बात अलग है कि मंत्रिपरिषद में अधिकांश मंत्रालय आरजेडी पास ही होंगे।

सरकार चलाने में सबसे ज्यादा अहम सामान्य प्रशासन, गृह और वित्त विभाग जेडीयू के पास ही है। इससे पहले की सरकार में वित्त मंत्रलाय भाजपा को आवंटित किया है। यानि बिहार में प्रशासनिक फैसले, अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग, उन पर नियंत्रण सहित प्रदेश के कोषागार यानि वित्त मंत्रालय पर नियंत्रण सुशासन बाबू ने अपने पास ही रखा है। यानि एक-एक पैसे पर नीतीश के पर लेखा-जोखा होगा। कोई भी मंत्री कुछ भी कर लें, उन्हें विभागीय जरूरतों के लिए आवश्यक धन और भरोसे का अधिकारी पाने के लिए नीतीश पर ही निर्भर रहना होगा।

यहां तक कि तेजस्वी यादव ( Tejashwi yadav ) को भी। इसका मतलब ये भी है कि तेजस्वी यादव की पसंद को भले ही नीतीश कुमार मना न करें, लेकिन उनकी हर गतिविधि की जानकारी जेडीयू प्रमुख को मिलती रहेगी।

हालांकि, तेजस्वी यादव को कई अहम विभाग मिले हैं। इनमें स्वास्थ्य, पथ निर्माण, निगर विकास एवं आवास और ग्रामीण कार्य जैसे मंत्रालय शामिल हैं। इनमें स्वास्थ्य विभाग इससे पहले के महागठबंधन सरकार यानि 2015 के चुनाव में जीत के बाद बनी सरकार में तेज प्रताप यादव के पास था। तेज प्रताप यादव को इस बार पर्यावरण, वन और जलवायु विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा भाजपा को जो विभाग मिले थे वो सभी विभाग इस बार आरेडी के खाते में गए हैं।

बिहार : नवगठित मंत्रिपरिषद में किसको क्या मिला






नीतीश कुमार - सामान्य प्रशासन, गृह, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी, निर्वाचन और ऐसे सभी विभाग जो किसी को आवंटित नहीं हैं। तेजस्वी यादव - स्वास्थ्य, पथ निर्माण, नगर विकास एवं आवास और ग्रामीण कार्य, विजय कुमार चौधरी - वित्त, वाणिज्य कर और संसदीय कार्य, बिजेंद्र प्रसाद यादव - उर्जा और योजना एंव विकास, आलोक कुमार मेहता - राजस्व एवं भूमि सुधार, तेज प्रताप यादव - पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, मो. आफाक आलम - पशु एवं मत्स्य संसाधन, अशोक चौधरी - भवन निर्माण, श्रवण कुमार - ग्रामीण विकास, सुरेंद्र प्रसाद यादव - सहकारिता, डॉ. रामानंद यादव - खान एवं भूतत्व, लेशी सिंह - खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, मदन सहनी - समाज कल्याण, श्री कुमार सर्वजीत - पर्यटन, ललित कुमार यादव - लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, संतोष कुमार सुमन - अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण, संजय कुमार झा - जल संसाधन, सूचना एवं जन संपर्क, शीला कुमार - परिवहन, समीर कुमार महासेठ - उद्योग, चंद्र शेखर - शिक्षा, सुमित कुमार सिंह - विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सुनील कुमार - मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन, अनिता देवी - पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण, जितेंद्र कुमार राय - कला, संस्कृति एवं युवा, जयंत राज - लघु जल संसाधन, सुधाकर सिंह - कृषि, मो. जमा खान अल्पसंख्यक कल्याण, मुरारी प्रसाद गौतम - पंचायती राज, कार्तिक कुमार - विधि, शमीम अहमद - गन्ना उद्योग, शाहनवाज - आपदा प्रबंधन, सुरेंद्र राम - रमसंसाधन, मोहम्मद इसराईल मंसूरी - सूचना प्रावैधिकी।

विभागों के आवंटन से पहले राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान 31 मंत्रियों को शपथ दिलाई। मंत्रियों ने पांच-पांच के बैच में शपथ ली। मंत्री बनने वाले कुल 31 विधायकों में आरजेडी के सबसे ज्यादा 16, जेडीयू के 11, कांग्रेस से 2, हम से एक और एक निर्दलीय शामिल हैं। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप शपथ लेने वाले पहले 5 विधायकों में शामिल रहे।

सबसे ज्यादा तवज्जो ओबीसी-ईसीबी को, सवर्ण मंत्रियों की संख्या घटी

नीतीश के नेतृत्व में बनी महागठबंधन की नई सरकार में सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखकर मंत्री बनाए गए हैं। ओबीसी.ईबीसी से सबसे ज्यादा 17, दलित. 5 और 5 मुस्लिम शामिल हैं। एनडीए गठबंधन के मुकाबले अगड़ी जातियों का प्रतिनिधित्व इस बार कम हो गया है। पिछली बार उच्च जातियों के 11 मंत्री थे, जो कम होकर 6 हो गए हैं। वहीं पिछली बार ओबीसी-ईसीबी से 13 मंत्री थे, जबकि दो मुस्लिम मंत्री मंत्रिमंडल में शामिल थे। मंत्रिमंडल में सभी जातियों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। सबसे ज्यादा फोकस ओबीसी और ईबीसी पर किया गया है। जाति की बात करें तो सबसे ज्यादा यादव जाति के 8 विधायक इस बार मंत्रिमंडल में शामिल हैं।

8 यादव बनाए गए मंत्री

आरजेडी की तरफ से 7 और जदयू की तरफ से एक यादव विधायक मंत्री बने हैं। पिछले मंत्रिमंडल में इस जाति से सिर्फ 2 मंत्री थे। आरजेडी 7 यादव विधायकों को मंत्री बनाया है। एक यादव विधायक जेडीयू कोटे से भी मंत्री बने हैं। इस लिहाज से देखें तो आरजेडी ने लालू यादव के दौर के एमवाई फार्मूले पर अमल किया है। इसे असंतुष्ट यादवों को फिर से अपने पाले में करने का प्रयास माना जा रहा है।

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