बिहार : NTPC ऐश डाइक का बांध हुआ ध्वस्त, 1420 मेगावाट की बिजली उत्पादन इकाई ठप्प

ऐसी घटना पहले भी हो चुकी है, पर उनसे सबक नहीं लिया गया, NTPC स्थित लैगून-2 का बांध ध्वस्त होने से आसपास के क्षेत्रों में ऐश फैलने लगा और 7 में से 4 उत्पादन यूनिटों को बंद करना पड़ा है.…

Update: 2020-08-07 06:28 GMT

Photo : social media

जनज्वार ब्यूरो, पटना। भागलपुर स्थित NTPC के ऐश लैगून-2 का बांध ध्वस्त हो गया है। बांध ध्वस्त होने के बाद NTPC की 7 में से 4 बिजली उत्पादन की इकाइयां (Electricity Manufacturing Unit) ठप्प हो गईं हैं, इससे राज्य में बिजली संकट गहरा सकता है। हालांकि इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकीं हैं, पर इन घटनाओं से NTPC का प्रबंधन (NTPC Management) कोई सबक सीखने को तैयार नहीं दिख रहा। लगभग 70 फीट ऊंचे इस फ्लाई ऐश का बांध टूटने से ऐश भरा पानी आसपास के इलाकों में बहने से लोग दहशत में आ गए (People got feared)। पानी और ऐश का बहाव तेज होता जा रहा था, आसपास के खेतों में भी यह पहुंचने लगा है। लगातार हो रही ऐसी घटनाओं से स्थानीय लोग अक्रोशित हैं।

ऐश डाइक के इस लैगून बांध के टूटने से NTPC की 1420 मेगावाट की विद्युत उत्पादन इकाई ठप्प हो गई। यहां 7 यूनिट में उत्पादन होता है, पर इस घटना के बाद 4 यूनिट ठप्प हो गए। यहां कुल 2340 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता है। इसे देखते हुए बिजली की स्थिति लचर होने की संभावना बन गई है। चूंकि इसके तीन यूनिट से अब महज 920 मेगावाट का ही उत्पादन हो रहा है।

उधर NTPC प्रबंधन यह दावा कर रहा है कि मरम्मत के लिए काम शुरू हो गया है। प्रबंधन के एक अधिकारी ने कहा 'हमारी टीमें मरम्मती के काम में लग गईं हैं। इसमें इंटकवेल-2 के बांध और ऐश डाइक लैगून -2 की मरम्मती की जाएगी। अभी 4 यूनिट को बंद करना पड़ा है। घटना के कारणों की जांच के लिए तकनीकी समिति गठित की गई है।'

 घटना के बाद बांध के पास की ऐक्वा डैम में भी फ्लाई ऐश भर गया है। फ्लाई ऐश के दबाव से पास में स्थित पंप हाउसों को भी बंद करना पड़ा। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले वर्ष 2014 में लैगून-3 में धँसान हुआ था। फिर इस वर्ष मई और जून माह में डीएमसी में भी बांध धंस गया था।

स्थानीय लोग इसमें लापरवाही की बात भी कह रहे हैं।बताया जा रहा है कि NTPC से निकला फ्लाई ऐश लैगून-2 में गिराया जा रहा था। लैगून-2 में जिधर कुएं का निर्माण हो रहा था, उधर ही पानी छोड़ा जाने लगा, जिससे लैगून-2 के बांध पर पानी का दबाव बढ़ने लगा और वह ध्वस्त हो गया।

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