पटना AIIMS के नर्सिंग स्टाफ गए हड़ताल पर, कोरोना डेडिकेटेड है अस्पताल

बिहार में बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बीच पटना AIIMS में संविदा पर कार्यरत इन नर्सिंग स्टाफ के हड़ताल पर जाने से मुश्किलें बढ़ सकतीं हैं

Update: 2020-07-23 07:14 GMT

File photo

जनज्वार ब्यूरो, पटना। कोरोना संकट के बीच पटना AIIMS में संविदा पर बहाल नर्सिंग स्टाफ आज सुबह से हड़ताल पर चले गए हैं। सभी एम्स के बाहर खड़े हो गए हैं। इनके हड़ताल पर चले जाने से व्यवस्था चरमराने की आशंका बढ़ गई है। पटना एम्स को कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल बना दिया गया है और यहां अभी सिर्फ कोरोना के मरीजों का ही इलाज किया जा रहा है।

पटना एम्स में संविदा पर कार्यरत नर्सिंग स्टाफ की मांग है कि उनकी नौकरी स्थायी की जाय, नियमित नर्सिंग स्टाफ की तरह मेडिकल सुविधा और उनके बराबर वेतन दिया जाय। उनका कहना है कि इन मांगों को पूर्व में AIIMS प्रशासन के समक्ष रखा गया है, पर अबतक उनकी समस्या हल नहीं हुई है। खबर लिखने तक एम्स प्रशासन और नर्सिंग संघ के बीच बातचीत चल रही थी।

नर्सिंग स्टाफ एम्स गेट के बाहर जमा होकर नारेबाजी भी कर रहे हैं। इनका कहना है कि इनकी ड्यूटी कोरोना वार्ड में भी लगाई जा रही है। हम लगातार उनकी देखभाल कर रहे हैं। सरकार ने सभी स्वास्थ्यकर्मियों का वेतन बढ़ाया, पर उसका लाभ उन्हें नहीं मिला। कोई जॉब सिक्योरिटी नहीं है। अगर नौकरी चली जाती है, तो हमलोगों के पास वैसा कोई कागज नहीं, जिससे हम लड़ सकेंगे। ऐसे में उन्हें भी जॉब सिक्योरिटी दी जाय। उनकी सेवा स्थायी की जाय, मेडिकल और अन्य सुविधाएं दी जाएं और तनख्वाह बढ़ाई जाए।

उधर राज्य में कोरोना पॉजिटिवों की संख्या 30 हजार पार कर गई है। राजधानी पटना में सबसे ज्यादा मरीज हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 22 जुलाई की संध्या 4 बजे तक कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 30066 थी। इनमें से 19876 मरीज ठीक हो चुके हैं। 208 मरीजों की अबतक मौत हो गई है और राज्य में अभी 9981ऐक्टिव मरीज हैं। राजधानी पटना में सर्वाधिक 4479 पॉजिटिव पाए गए हैं, इनमें से 2590 मरीज ठीक हो चुके हैं और 1856 ऐक्टिव मरीज हैं। पटना के 33 मरीजों की अबतक मौत हो चुकी है।

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