भाजपा के चहेते पूर्व मंत्री आरसीपी सिंह ने 9 साल में बनाए 58 फ्लैट - नीतीश कुमार क्या ईडी जांच की करेंगे सिफारिश ?

Patna News : आय से अधिक संपत्ति मामले में पार्टी के नेताओं की ओर से पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए आरसीपी सिंह ने कहा है कि आखिर किसी भूखंड के बदले उन्होंने किसे उपकृत किया, ये तो बताएं। सभी आरोप बेबुनियाद हैं। वह किसी भी एजेंसी की जांच का सामना करने को तैयार हैं।

Update: 2022-08-06 07:10 GMT

Patna News : पिछले कई महीनों से बिहार के सीएम नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) और उनके दाहिने हाथ रहे आरसीपी सिंह ( RCP Singh ) के बीच सियासी आंखमिचौली का सिलसिला एक-दूसरे को देखने की की नौबत तक आ पहुंची है। सीएम नीतीश के इशारे पर जेडीयू ( JDU ) के नेता न केवल पूर्व केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना चाहते हैं बल्कि आय से अधिक अकूत संपत्ति के मामले में भी उन्हें मुकदमे में फंसाने पर आमदा हो गए हैं। जेडीयू नेताओं के इस रुख से साफ है कि वो अब आरसीपी की भाजपा ( BJP ) से हुई नजदीकी का बदला लेना चाहते हैं।

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन के इशारे पर पार्टी की बिहार इकाई ने रामचंद्र प्रसाद सिंह ( RCP Singh ) से उनके द्वारा पिछले कुछ वर्षों में खरीदे गए 58 प्लॉट्स को लेकर सवाल किए हैं। उन्होंने ने इन प्लॉट का ब्योरा देते हुए पूछा है कि इसमें कई भूखंड की जानकारी उनके चुनावी हलफनामे में भी नहीं है। उन्होंने बहुत कम समय में अकूत संपति कैसे अर्जित की, कहां से आये पैसे, किसे उपकृत कर लालू यादव स्टाइल में जमीन अपने नाम कराए।

लालू स्टाइल में अकूत जमीन हासिल करने का आरोप

इतना ही नहीं, जेडीयू बिहार इकाई के अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को पत्र लिखकर उनसे जवाब मांगा है कि बताएं कि कैसे नालंदा जिले के दो प्रखंड में उन्होंने चालीस बीघा जमीन खरीदी और क्या ये आपकी नियमित आमदनी से खरीदी गई जमीन है? हालांकि, इस नोटिस में माना गया है कि अधिकांश भूखंड उन्होंने अपनी पत्नी या बेटी के नाम से खरीदा है लेकिन सत्ताधारी पार्टी ने पूछा है कि उन्होंने इस संपत्ति को चुनावी हलफनामे में क्यों नहीं दिखाया? फिर दान वाली जमीन आपने कैसे खरीदी?

JDU से निकालने की तैयारी

कुशवाहा के पत्र से साफ है कि आय से अधिक संपति को आधार बनाकर पार्टी के दो शीर्ष नेता नीतीश कुमार और ललन सिंह अब आरसीपी के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते हैं। नीतीश कुमार ने पिछले दो महीने के दौरान आरसीपी सिंह को न केवल राज्यसभा की सदस्यता से वंचित किया बल्कि पटना में वो जिस घर में रहते थे उस घर को भी मुख्य सचिव को आवंटित कर खाली करने पर मजबूर कर दिया। अब जमीन का मामला सार्वजनिक कर पार्टी से उनकी विदाई की एक तरह से औपचारिकता पूरी की जा रही है। फिलहाल, आरसीपी सिंह भले जो भी जवाब दें लेकिन पार्टी उसे असंतोषजनक करार कर उन्हें पार्टी से निलंबन की कार्रवाई शुरू करेगी।

आरोप न लगाएं, जांच कराएं और कार्रवाई करें

जेडीयू नेताओं की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में आरसीपी सिंह ने कहा कि अधिकांश भूखंड उनकी बेटियों या पत्नी के नाम पर हैं, जो आयकर जमा करती हैं। विभाग में उन्होंने खरीद.बिक्री की जानकारी दे रखी थी। इसके अलावा उनके खाते या उनके नाम से कोई भूखंड की खरीद.बिक्री नहीं हुई। ऐसे में ये आरोप लगाना कहां से उचित हैं कि लालू स्टाइल में उन्होंने जमीन अर्जित की। उन्होंने पार्टी के नेताओं से पूछा कि वो बताएं कि आखिर किसी भूखंड के बदले उन्होंने किसी को उपकृत किया हो। ये सब आरोप बेबुनियाद हैं। वह किसी भी एजेंसी की जांच का सामना करने को तैयार हैं।

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