नीतीश के जदयू में अध्यक्ष बदलने के बाद संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी, 10 को अहम बैठक

जदयू ने अपना नया राष्ट्रीय अध्यक्ष पिछले दिनों बैठक कर चुना, ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या अगले सप्ताह होने वाली बैठक में पार्टी अब अपना नया प्रदेश अध्यक्ष भी चुनेगी?

Update: 2021-01-03 03:20 GMT

वशिष्ठ नारायण सिंह, नीतीश कुमार व आरसीपी सिंह का फाइल फोटो। 

जनज्वार। नीतीश कुमार (Nitish Kumar)की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) भले बिहार की सत्ता में हो और सरकार का नेतृत्व कर रही हो लेकिन वह अपने अस्तित्व के बाद सबसे अधिक मुश्किलों से जूझ रही है। पार्टी ऐतिहासिक रूप से 43 विधायकों तक सीमित हो गयी है। जदयू एक जमाने में बिहार में भाजपा से बड़ी पार्टी होती थी लेकिन अब भगवा दल उससे काफी आगे निकल गया है। पार्टी सत्ता संचालन के लिए न सिर्फ भाजपा पर अधिक निर्भर है बल्कि उसके दबाव का भी सामना कर रही है। ऐसे में नीतीश कुमार अपनी पार्टी को नया कलेवर व तेवर देने के लिए कुछ अहम बदलाव करने की तैयारी में हैं।

जनता दल यूनाइटेड में आगामी दिनों में बड़ा सांगठिनक फेरबदल किया जाएगा। इससे पहले पिछले महीने पार्टी ने अपना नया राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को चुन लिया और नीतीश कुमार इस जिम्मेवारी से मुक्त हो गए। संभावना है कि पार्टी राज्य इकाई में बड़े बदलाव करेगी और नए, उर्जावान और हाल में संपन्न हुए चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने वालों को आगे बढाएगी।

10 जनवरी को कर्पूरी सभागार में जनता दल यूनाइटेड की राज्य कार्यकारिणी की एक अहम बैठक होगी जिसमें सांगठनिक फेरबदल के बारे में ऐलान किया जा सकता है। जदयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने शनिवार को पार्टी कार्यालय में नेताओं से कार्यकारिणी व राज्य परिषद की बैठक की तैयारियों की जानकारी ली है। पार्टी हालिया चुनाव में बूथ स्तर पर बेहतर कार्य प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं की जानकारी ले रही है और उसके आधार पर उनका रिपोर्ट तैयार कर आगामी जिम्मेवारियों को लेकर फैसला किया जाएगा।

क्या नए प्रदेश अध्यक्ष की होगी तैनाती?

जनता दल यूनाइटेड के सांगठनिक फेरबदल में सबसे अहम सवाल यह है कि क्या नए प्रदेश अध्यक्ष का चयन पार्टी करेगी। लंबे समय से जदयू की बिहार इकाई के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह हैं। दादा के नाम से मशहूर वशिष्ठ बाबू पुराने समाजवादी नेता हैं और वे जदयू की सक्रिय राजनीति में सबसे उम्रदराज नेता हैं। ऐसे में यह भी सवाल है कि क्या पार्टी उनकी जगह किसी नए व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष चुनेगी।

नीतीश कुमार स्वयं वशिष्ठ नारायण सिंह का बड़े भाई जैसा सम्मान करते हैं, लेकिन जिस तरह उन्होंने नयी पीढी को आगे बढाने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेवारी छोड़ दी और आरसीपी सिंह को यह जिम्मेवारी सौंपी उससे इस संभावना को पूरी तरह खारिज नहीं किया जा सकता कि प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी नए चेहरे की तैनाती हो।

राज्य परिषद की बैठक में पार्टी ने सांसदों-विधायकों, चुनाव हारे उम्मीदवारों व विभिन्न पदाधिकारियों को बुलाया है। पार्टी इनके साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेगी और प्रमुख मुद्दों पर पार्टी का स्टैंड भी इसमें तय किया जा सकता है।

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