पटना के 30 प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना का इलाज शुरू करने की तैयारी, आज केंद्रीय टीम भी आ रही बिहार
राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। विगत कुछ दिनों में प्रतिदिन 1 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। तेजस्वी यादव लगातार सरकार पर हमलावर हैं।
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच केंद्रीय टीम आज पटना पहुंच रही है। इस बीच पटना के प्राइवेट अस्पतालों में भी कोरोना मरीजों का इलाज शुरू कराने की तैयारी हो गई है। राज्य के सभी जिलों में रैपिड एंटीजेन टेस्ट करने के निर्देश दिये गए हैं। वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कोरोना कंट्रोल में नाकामी और अस्पतालों की ध्वस्त हो रही व्यवस्था का आरोप लगा सरकार पर लगातार हमलावर हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक उच्चस्तरीय टीम रविवार को पटना आ रही है। टीम में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक डॉ एसके सिंह और एम्स के मेडिसिन विभाग के एसोशिएट प्रोफेसर डॉ नीरज निश्छल शामिल होंगे। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने जानकारी दी है कि टीम पटना के किसी कण्टेन्मेंट ज़ोन के साथ ही गया का भी दौरा कर सकती है। तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए कहा कि कोरोना कंट्रोल में राज्य सरकार की विफलता के कारण केंद्रीय टीम भेजी जा रही है। उन्होंने अनुरोध किया कि टीम आंकड़ों में पारदर्शिता लाने का निर्देश राज्य सरकार को दे और राज्य को ज्यादा से ज्यादा केंद्रीय सहायता दिलाने की अनुशंसा करे।
राज्य में कोरोना मरीजों का कुल आंकड़ा 24967 पर पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 18 जुलाई की संध्या 4 बजे तक इनमें से 15771 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 177 मरीजों की मौत हो चुकी है। राज्य में अभी 9018 ऐक्टिव केस हैं। चिंता की बात यह है कि पिछले कुछ दिनों से मरीजों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है और विगत 5-6 दिनों से प्रतिदिन 1 हजार से ज्यादा संक्रमित मरीज मिल रहे हैं, जिस कारण अस्पतालों में अचानक से भीड़ बढ़ी है।
राज्य सरकार ने पटना में 30 निजी अस्पतालों में भी कोरोना मरीजों के इलाज की व्यवस्था शुरू करने का निर्देश दिया है। यह पेड व्यवस्था होगी, अर्थात इसका खर्च मरीजों को ही भरना होगा। हालांकि इसपर भी निजी अस्पताल कई तरह के बहाने बना रहे थे, पर सरकारी अस्पतालों में बढ़ रही भीड़ को देखते हुए सरकार की सख्ती के बाद पटना के 30 अस्पतालों ने इसके लिए आवेदन किया है। अगले 1-2 दिनों में यह व्यवस्था शुरू हो सकती है। देखने वाली बात यह होगी कि इनके इलाज का दर क्या होगा और क्या इनके पैकेज पर सरकार का कोई नियंत्रण होगा।