राज्यसभा उपचुनाव: क्या कट गया लोजपा का पत्ता, अब बीजेपी के शाहनवाज और सुशील मोदी के नाम रेस में

सबसे बड़ा सवाल यह है कि लोजपा कोटे से खाली हुई इस सीट से क्या लोजपा को बीजेपी फिर से मौका देगी या फिर अपना उम्मीदवार उतरेगी...

Update: 2020-11-27 04:38 GMT

File photo

जनज्वार ब्यूरो, पटना। रामविलास पासवान के निधन से खाली हुए बिहार से राज्यसभा की एक सीट पर उपचुनाव के लिए गुरुवार को अधिसूचना जारी कर दी गयी है। अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है, लेकिन पहले दिन इस सीट के लिए एक भी पर्चा दाखिल नहीं हुआ।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि लोजपा कोटे से खाली हुई इस सीट से क्या लोजपा को बीजेपी फिर से मौका देगी या फिर अपना उम्मीदवार उतरेगी। वैसे जो एनडीए के खेमे से जो बात निकलकर बाहर आ रही है, उसके अनुसार लोजपा को इस बार मौका नहीं मिलने जा रहा है।

एनडीए के सूत्र बताते हैं कि एनडीए की ओर से राज्यसभा की उम्मीदवारी से लोजपा का पत्ता एक तरह से कट चुका है। जेडीयू किसी भी सूरत में लोजपा की ओर से किसी को राज्यसभा का उम्मीदवार बनने नहीं देना चाहती। लिहाजा बीजेपी के सामने बड़े पेशोपेश की स्थिति बनी हुई थी।

बिहार की नई सरकार में पार्टी की ओर से उपमुख्यमंत्री पद से सुशील कुमार मोदी की विदाई के बाद यह चर्चा सामने आई थी कि उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है, हालांकि पार्टी की ओर से अभी खुलकर इस संबन्ध में कुछ नहीं कहा गया है। वैसे एनडीए के सूत्रों की मानें तो बीजेपी का उम्मीदवार ही राज्यसभा जानेवाला है, यह भी एक तरह से तय हो गया है और इसके लिए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन और सुशील कुमार मोदी के नाम प्रमुख रूप से सामने आए हैं।

शाहनवाज हुसैन को राज्यसभा भेजकर बीजेपी एक तीर से कई निशाने साध सकती है। बिहार चुनावों में पार्टी की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय से किसी को टिकट नहीं दिया गया था। एनडीए के दूसरे घटक दल जेडीयू ने 11 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे, पर एक भी जीतकर नहीं आया। यानि एनडीए के 125 विधायकों में अभी एक भी मुस्लिम विधायक नहीं है। मंत्रिमंडल के गठन में भी किसी मुस्लिम को जगह नहीं मिली। पार्टी सूत्र बताते हैं कि शाहनवाज हुसैन को राज्यसभा भेजकर बीजेपी एक सन्देश दे सकती है।

बंगाल में अगले साल चुनाव होनेवाले हैं। कहा जा रहा है कि शाहनवाज हुसैन को राज्यसभा भेजकर बीजेपी उन चुनावों में लाभ ले सकती है। कुल मिलाकर इस सीट से राज्यसभा की उम्मीदवारी के लिए अब सुशील मोदी और शाहनवाज हुसैन, ये दो नाम ही चर्चा के केंद्रबिंदु बन गए हैं।

बिहार चुनावों के दौरान लोजपा एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ी थी और उसने 143 सीटों पर अकेले अपने उम्मीदवार उतार दिए थे। हालांकि पार्टी प्रमुख चिराग पासवान ने इस दौरान कई बार कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हनुमान हैं और वे सिर्फ एनडीए के दूसरे बड़े घटक दल जेडीयू के खिलाफ हैं। पहले उन्होंने घोषणा की थी कि वे सिर्फ उन सीटों पर ही अपने उम्मीदवार उतरेंगे, जहां जेडीयू चुनाव लड़ रहा होगा, पर बाद में कुछ वैसी सीटों पर भी लोजपा के उम्मीदवार चुनाव लड़े थे, जहां बीजेपी मैदान में थी।

उधर चुनाव आयोग ने राज्यसभा के उपचुनाव के लिए पटना के प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल को निर्वाची पदाधिकारी एवं निदेशक, बिहार विधानसभा भूदेव राय को सहायक निर्वाची पदाधिकारी नामित किया है। इसके साथ ही दो अन्य पदाधिकारी भी सहायक निर्वाची पदाधिकारी के रूप में नामित किए गए है।

राज्यसभा की इस एक सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए उप निदेशक, खाद्य, पटना प्रमंडल धीरेंद्र झा और अपर समाहर्ता, राजस्व, पटना राजीव श्रीवास्तव को सहायक निर्वाची पदाधिकारी, नामित किया गया है। इस प्रकार तीन पदाधिकारी सहायक निर्वाची पदाधिकारी के रूप में रहेंगे। 

बिहार के उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बैजुनाथ सिंह ने बताया कि प्रमंडलीय आयुक्त का कार्यालय नामांकन स्थल और बिहार विधानसभा की लाइब्रेरी के रीडिंग रूम को मतदान केंद्र स्थल बनाया गया है। चुनाव में विधानसभा के निर्वाचित सदस्य भाग लेंगे।

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