मुख्यमंत्री 'मनोनीत' होने पर नीतीश को बधाई, आशा है 19 लाख नौकरी के मुद्दे को देंगे प्राथमिकता- तेजस्वी

तेजस्वी ने कहा कि 'आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी को मुख्यमंत्री मनोनीत होने पर शुभकामनाएं, आशा करता हूं कि कुर्सी की महत्वकांक्षा की बजाय वो बिहार की जनाकांक्षा एवं एनडीए के 19 लाख नौकरी-रोजगार और पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई, सुनवाई जैसे सकारात्मक मुद्दों को सरकार की प्राथमिकता बनायेंगे.....

Update: 2020-11-16 14:03 GMT

पटना। जदयू के नीतीश कुमार ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी क अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत भाजपा के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में बिहार के मुख्यमंत्री पद की शप ले ली है। उन्हें राज्यपाल फागू चौहान ने शपथ दिलाई। इसके अलावा 14 अन्य नेताओं ने भी राज्यपाल के समक्ष मंत्री पद की शपथ ली।

इसके साथ नीतीश कुमार प्रदेश और देश के ऐसे राजनेताओं में शामिल हो गए हैं जो चौथी बार मुख्यमंत्री बने हैं। शपथ लेने के साथ ही उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने शुभकामनाएं दी हैं। वहीं राजद के नेता तेजस्वी यादव ने भी उन्हें बधाई दी है। तेजस्वी ने नीतीश कुमार मनोनीत मुख्यमंत्री बताते हुए उन्हें बधाई दी।

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तेजस्वी ने अपने ट्वीट में लिखा, आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी को मुख्यमंत्री मनोनीत होने पर शुभकामनाएं। आशा करता हूं कि कुर्सी की महत्वकांक्षा की बजाय वो बिहार की जनाकांक्षा एवं एनडीए के 19 लाख नौकरी-रोजगार और पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई, सुनवाई जैसे सकारात्मक मुद्दों को सरकार की प्राथमिकता बनायेंगे।  

वहीं राजद के सांसद मनोज झा चुनावों में धांधली का आरोप लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विरोध कर रहे हैं। एक ताजा ट्वीट में उन्होंने कहा, 'बिहार के प्रिय युवाओं, संविदा कर्मियों, नियोजित शिक्षकों, शिक्षा प्रेरकों, अतिथि अनुदेशक/शिक्षक, जीविका दीदी, आंगनवाडी सेविका/सहायिका ,रसोइया साथियों 'बदलाव' के आपके 'जनादेश' को 'शासनादेश' ने बदल दिया..आइये सड़क पर उतर कर एक-एक मुद्दे का हिसाब मांगें।'

इससे पहले मनोज झा ने कहा था कि जनादेश मुख्यमंत्री नीतीश के खिलाफ था और बिहार को जल्द इसका विकल्प मिलेगा, जो सहज होगा। झा ने विधानसभा में जदयू की कमजोर स्थिति के बावजूद नीतीश को नेतृत्व सौंपने की तैयारी को लेकर भी सवाल उठाया था।

उन्होंने कहा, 40 सीटें पाकर कोई कैसे मुख्यमंत्री बन सकता है। चुनाव में नीतीश को बुरी तरह हार मिली है और उन्हें खुद इस बारे में सोचना चाहिए था।

जदयू के मुखिया नीतीश के पास बहुत कम बहुमत है। यहां तक कि राजग और भाजपा को भी मानना चाहिए कि अगर यह बदलाव के लिए जनादेश नहीं होता तो नीतीश की पार्टी सिर्फ 40 सीटें नहीं जीतती। आप (नीतीश) कम बहुमत पर हैं। कम बहुमत वाली सरकार लंबे समय तक नहीं चल सकती है।

राजद ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से लिखा, 'निर्वाचित और चयनित की बजाय परिस्थितिवश "मनोनीत" मुख्यमंत्री बनने पर श्री नीतीश कुमार को हार्दिक बधाई। आपकी समाज तोड़क कुर्सीवादी नीतियों से बिहार को बहुत नुक़सान हुआ है। इस बार हर दिन बिहार का बेरोज़गार युवा, नियोजित शिक्षक और संविदाकर्मी आपसे से अपना हक मांगेंगे।

बिहार सरकार पूर्व मंत्री और राजद नेता तेज प्रताप यादव ने भी तंज कसते हुए नीतीश कुमार को बधाई दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, आदरणीय नीतीश कुमार जी को 7 वीं बार मुख्यमंत्री मनोनीत होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। उम्मीद करता हूँ कि इस बार चूहे, दारू के नशे में कोई बाँध नहीं तोड़ पाएँगे और उद्घाटन से पहले कोई पुल नहीं टूटेगा..!

इससे पहले राजद ने एक ट्वीट में कहा था कि 'राजद शपथ ग्रहण का बायकॉट करती है। बदलाव का जनादेश एनडीए के विरुद्ध है। जनादेश को 'शासनादेश' से बदल दिया गया। बिहार के बेरोजगारों, किसानो, संविदाकर्मियों, नियोजित शिक्षकों से पूछे कि उनपर क्या गुजर रही है। एनडीए के फर्ज़ीवाड़े से जनता आक्रोशित है। हम जनप्रतिनिधि हैं और जनता के साथ खड़े हैं।'

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