तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं लेंगे हिस्सा, कोर्ट जा सकते हैं महागठबंधन प्रत्याशी

तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण से अनुपस्थित रह कर अपना प्रतीकात्मक विरोध जताएंगे, उधर उन्होंने कम मतों से हारे महागठबंधन उम्मीदवारों को कोर्ट जाने को कहा है...;

Update: 2020-11-16 06:29 GMT
Tejaswi Yadav News : कोई गाड़ी नहीं खरीदेगा, किसी को पैर छूने नहीं देगा, तेजस्वी यादव ने अपने मंत्रियों के लिए बनाएं ये 6 नियम

Tejaswi Yadav News : 'कोई गाड़ी नहीं खरीदेगा, किसी को पैर छूने नहीं देगा', तेजस्वी यादव ने अपने मंत्रियों के लिए बनाएं ये 6 नियम

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जनज्वार। राजद नेता व महागठबंधन विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव सोमवार की शाम बिहार में नीतीश कुमार की नवगठित सरकार के शपथ ग्रहण में हिस्सा नहीं लेंगे। न्यूज एजेंसी एएनआइ ने खबर दी है कि तेजस्वी यादव शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे।

राजनीतिक शिष्टाचार के नाते विपक्ष के नेता नई बनने वाली सरकार के शपथ ग्रहण में हिस्सा लेते हैं, लेकिन कांटे की टक्कर वाले इस चुनाव में महागठबंधन ने वोटों के चोरी का आरोप लगाया है। तेजस्वी यादव ने यह भी कहा था कि जनता ने उनके पक्ष में जनादेश दिया, लेकिन चुनाव आयोग का फैसला एनडीए के पक्ष में आया। हालांकि चुनाव आयोग ने राजद-कांग्रेस को आरोपों को खारिज कर दिया है और आंकड़ों के साथ यह बताने का प्रयास किया है कि उनके आरोप गलत हैं।

राजद ने बाद में एक ट्वीट कर कहा कि वह शपथ ग्रहण में हिस्सा नहीं लेगा। पार्टी ने अपने ट्वीट में लिखा : राजद शपथ ग्रहण का बायकाॅट करता है। बदलाव का जनादेश एनडीए के विरुद्ध है। जनादेश को शासनादेश से बदल दिया गया। बिहार के बेरोजगारों, किसानों, संविदाकर्मियों, नियोजित शिक्षकों से पूछें कि उन पर क्या गुजर रही है। एनडीए के फर्ज़ीवाड़े से जनता आक्रोशित है। हम जनप्रतिनिधि हैं और जनता के साथ खड़े हैं।

तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के 21 ऐसे प्रत्याशी जो मतगणना से असंतुष्ट हैं उन्हें कोर्ट में भी जाने को कहा है। इन 21 में 14 प्रत्याशी राजद के हैं और शेष सात कांग्रेस व अन्य सहयोगी दलों के। तेजस्वी यादव ने मामूली मतों से हारे इन प्रत्याशियों को हर मदद का भरोसा भी दिलाया है।

राजद को जोर वीवीपीएटी यानी वोटर वेरिफाएबल पेपर आडिट ट्रेल के जरिए मतों की पर्ची के मिलान पर है। संदेह की स्थिति में इस पद्धति से मतों की गिनती जा सकती है। राजद व कांग्रेस को यह भरोसा है कि हो सकता है कि मामूली सीटों से जीते एनडीए की अगर कुछ सीटें इससे कम आती हैं तो वह सरकार बनाने की दावेदार हो जाएंगे।

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