कृषि कानून के खिलाफ कल पटना में धरना-प्रदर्शन कर बिहार में आंदोलन को धार देंगे तेजस्वी
कृषि कानून के खिलाफ वामदलों और राजद ने 2 दिसंबर को राज्य भर में प्रतिरोध दिवस मनाया था, जिला मुख्यालयों में जुलूस निकाले गए थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका गया था....
जनज्वार ब्यूरो, पटना। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। देश की तमाम विपक्षी पार्टियों ने इस किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। बिहार में भी राष्ट्रीय जनता दल और वामदलों ने इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया है।
नए कृषि कानून के विरोध में वामदलों और राजद ने 2 दिसंबर को राज्य भर में प्रतिरोध दिवस मनाया था। इस दिन जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन कर जुलूस निकाले गए थे और कई जगहों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका गया था।
पटना में सीपीआई माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार के नेतृत्व में प्रतिरोध मार्च का आयोजन कर पीएम मोदी का पुतला दहन किया गया था। वाम नेताओं ने नए कृषि कानूनों को अविलंब वापस लेने की मांग केंद्र सरकार से की थी।
जिला मुख्यालयों में भी वामदलों और राष्टीय जनता दल की स्थानीय इकाइयों द्वारा प्रतिरोध मार्च आयोजित किए गए थे। अब राष्ट्रीय जनता दल ने 5 दिसंबर को पटना के गांधी मैदान में धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। पार्टी की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में इस धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा।
राजद की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है 'NDA सरकार द्वारा लाए गए किसान विरोधी काले कानून के विरोध में कल सुबह 10 बजे पटना स्थित गांधी मैदान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समीप माननीय नेता प्रतिपक्ष माननीय तेजस्वी यादव जी के नेतृत्व में प्रतीकात्मक धरना प्रदर्शन किया जाएगा।'
उल्लेखनीय है कि देश की राजधानी दिल्ली में हरियाणा, पंजाब सहित कई राज्यों के किसान इन नए कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। देश के किसान संगठनों ने इस विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। केंद्र सरकार के साथ कृषि कानून पर किसान संगठनों की एक दौर की वार्ता विफल हो चुकी है।
उधर दिल्ली-गाजियाबाद के गाजीपुर बाॅर्डर, टिकरी बाॅर्डर, दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बाॅर्डर सहित अन्य जगहों पर किसानों का आंदोलन आज शुक्रवार को भी जारी है। अब सरकार द्वारा वार्ता के लिए तय की गई नई तारीख पांच दिसंबर पर नजरें टिकी हैं।