सड़क निर्माणाधीन, पर ट्रकों का लगता है 5 किलोमीटर लंबा जाम, ठप्प हो सकता है राजधानी का सफर
यह सड़क भी भारी वाहनों की लगातार आवाजाही से अब ध्वस्त होती जा रही है, जिससे सारण प्रमंडल के जिलों और उत्तर प्रदेश के कई जिलों का राजधानी पटना से सड़क संपर्क भंग होने का खतरा मंडरा रहा है...
जनज्वार ब्यूरो, पटना। सुबह के 7.30 बजे हैं और सारण जिला के गरखा-बसंत सड़क पर वाहनों की लगभग 5 किलोमीटर लंबी लाइन लगी है। इनमें लगभग 95 फीसदी ट्रक दिख रहे हैं, जिनमें से ज्यादा ओवरलोडेड नजर आ रहे हैं। ये ट्रक बिहार के विभिन्न जिलों सहित यूपी-दिल्ली आदि दूर के क्षेत्रों को भी जाने के लिए निकले हैं।
यहां वाहन एक घँटे से ज्यादा समय तक एक ही जगह पर खड़े हैं, खिसक नहीं रहे, चूंकि आगे सड़क खराब हो चुकी है और वहां एक बालू लदे ओवरलोड ट्रक की गुल्ली टूट गई है, हालांकि सरकारी कागजों में बालू का उत्खनन कार्य तीन महीनों के लिए बंद है।
वैसे यह सीन किसी एक तयशुदा वक्त या दिन का नहीं है। इन दिनों 24×7 यह दृश्य इस पथ पर चल रहा है, क्योंकि छपरा, सीवान, गोपालगंज सहित यूपी के बलिया, वाराणसी, देवरिया, गोरखपुर आदि जिलों को राजधानी पटना से जोड़ने वाली एकमात्र यही सड़क बची हुई है।
कुदरबाघा के छात्र अंकित कुमार सिंह कहते हैं 'यह सड़क भी भारी वाहनों की लगातार आवाजाही से अब ध्वस्त होती जा रही है, जिससे सारण प्रमंडल के जिलों और उत्तरप्रदेश के कई जिलों का राजधानी पटना से सड़क संपर्क भंग होने का खतरा मंडरा रहा है।'
हालांकि सारण प्रमंडल के तीनों जिलों और उत्तरप्रदेश के कई जिलों को राजधानी पटना से जोड़ने वाली तीन सड़कें हैं। इनमें से मुख्य पथ, जो डोरीगंज-दिघवारा होकर गुजरता है और राष्ट्रीय राजमार्ग है, उसकी लगभग एक दशक से मरम्मती और चौड़ीकरण का कार्य ही चल रहा है, जो अब भी अधूरा है। वहीं दूसरा पथ जो भेल्दी और परसा से होकर गुजरता है, उसपर बाढ़ का पानी चढ़ने से कई स्थानों पर ध्वस्त होने के कारण आवागमन ठप्प है।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता नीरज कुमार कहते हैं 'यह सड़क अभी निर्माणाधीन ही है और संवेदक द्वारा ऑफिशियली अभी सरकार को हैंडओवर भी नहीं की गई है। फिर भी इसपर भारी वाहनों का दबाव अचानक बढ़ गया है, जिस कारण वह भी जगह-जगह ध्वस्त हो गई है और ओवरलोड ट्रकों से लगातार जाम रह रही है। यह सड़क सारण जिले से गुजरने वाले दो एन एच को जोड़ती है।'
स्थानीय लोग बताते हैं कि इस सड़क की ऐसी स्थिति बन गई है कि जहाँ संवेदक एक ओर से सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु आतुर है, वहीं ओवरलोड वाहन बन चुके हिस्से को लगातार ध्वस्त कर रहे हैं। नतीजतन अब इस सड़क के पूर्ण निर्माण एवं विभागीय हस्तांतरण प्रक्रिया में काफी वक्त लग सकता है।
कुदरबाघा पंचायत के विश्वंभर पुर के अनुज कुमार सिंह कहते हैं 'जिले के कई मुख्य सड़कों के टूटने एवं सड़को पर बाढ़ के पानी आ जाने के बाद जिले के पूरे ट्रैफिक को गरखा मानपुर सडक की ओर मोड़ दिया गया है। जिसके कारण जिले की लाइफ लाइन इस सड़क की हालत पतली हो गई है। यह रुट भी लग रहा है कभी भी बंद हो जायेगा। इस सड़क के बंद होने के बाद सूबे के राजधानी पहुचना स्वप्न जैसा हो सकता है।'
उल्लेखनीय है कि गरखा से मानपुर तक निर्माणाधीन सडक लगभग 34 करोड़ की लागत से बनाई जा रही है। इसके हैंडओवर किए जाने की तारीख अगले साल मार्च में है, लेकिन जिस तरह से इस सड़क पर 24 घण्टे हेवी लोड वाहन चल रहे हैं, तय समय पर हैंड ओवर हो पाना मुश्किल लग रहा है।
चिन्तामनगंज के रहनेवाले छात्र निशांत कुमार कहते हैं 'ओवर लोड वाहनों के परिचालन गई नव निर्मित सड़क की हालत बिगड़ गई है। भारी ओवर लोड वाहनों के परिचालन ने इस निर्माणाधीन सडक की दशा ही बदल दी है। सड़क में गरखा मानपुर के बीच लगभग आधा दर्जन जगह पर मिट्टी की दलदली सतह जैसा बन गया है। कई जगह खतरनाक गड्ढे बन गए हैं, जिसमें वाहन फंस जा रहे हैं।'
क्षेत्र के मटिहान, अद्मापुर, रहीमा पुर बाजार और बसन्त बाजार के निकट सड़क धँस गई है। जैसे-तैसे उन जगहों से छोटी गाड़िया गुजर रही हैं।
पथ निर्माण विभाग के एक अधिकारी के अनुसार जब तक एसएच एवं मेजर डिस्ट्रिक्ट पथों पर ओवर लोड वाहन के परिचालन पर पूर्ण रोक नही लग जाती, सड़कों पर लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद सड़क दुरुस्त नहीं हो सकती।
पथ की क्षमता 17 टन लोड की, गुजर रहे 60 टन वाले वाहन
वर्तमान में एसएच पर वाहनों की लोड क्षमता निर्धारित रहती है।जिसमें एसएच की क्षमता लगभग 17 से 22 टन है, लेकिन हकीकत है कि इन सड़को पर प्रतिदिन सैकड़ो गाड़िया लगभग 50 से 75 टन लोड की चलती रहती हैं।
30 करोड़ की लागत से बन रही 18.1 किलोमीटर सड़क
उधर गरखा से मानपुर तक कुल लगभग 18.1 किलोमीटर सड़क के निर्माण में लगभग 30 करोड़ रुपये की लागत लग रही है। गरखा-मानपुर सड़क भी ओवर लोड वाहनों के परिचालन से जर्जर होती जा रही है, हालांकि उस सरक का अभी निर्माण चल रहा है, जिसके हैंड ओवर की तारीख अगले साल मार्च में है।लेकिन सड़क निर्माणाधीन होने के बावजूद ओवरलोड वाहन चलाए जा रहे हैं
छपरा कार्य प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग ने कहा 'भेल्दी दिघवारा सड़क तो पूर्ण रूपेण जर्जर हो गई है, जिसके चलते पुनः निर्माण हेतु विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है।'