रूपेश हत्याकांड : पप्पू यादव का आरोप इसके पीछे अफसर-नेता-माफिया गठजोड़, एक चर्चित IAS पर भी उठाया सवाल
पप्पू यादव ने इंडिगो के मैनेजर रूपेश कुमार सिंह की हत्या के पीछे बिहार के कुछ प्रमुख आइएएस की भूमिका पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने विभागों के ठेकों को लेकर वर्चस्व की लड़ाई से इस मामले को जुड़ा बताते हुए सीबीआइ जांच की मांग नीतीश कुमार से की है...
जनज्वार। जन अधिकार पार्टी के संरक्षक पप्पू यादव ने पटना में इंडिगो के मैनेजर के रूप में तैनात रहे रूपेश कुमार सिंह की हत्या के पीछे बिहार के कुछ चर्चित आइएएस अधिकारियों, नेताओं व माफियाओं की भूमिका पर सवाल उठाया है। पप्पू यादव ने कहा है कि रूपेश की हत्या बिजली विभाग व पीएचइडी विभाग के ठेकों में शामिल होने के कारण की गयी है और इस मामले में सच सामने लाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सीबीआइ जांच की अनुशंसा करनी चाहिए।
पप्पू यादव ने बिहार सरकार के विभिन्न विभागों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा है कि 2018 में बिहार स्टेट पाॅवर होल्डिंग काॅरपोरेशन लिमिटेड के द्वारा पांच महिलाओं को बिना योग्यता के ही ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजा गया था। उन्होंने इस मामले में बिहार के एक चर्चित आइएएस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उन्हें बिहार का विजय माल्या बताया।
पप्पू यादव ने एक जिलाधिकारी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कटिहार के जो डीएम हैं, पीएचइडी में जो आइएएस हैं, शराब माफिया, दरभंगा के नहर का जो ठैकेदार हैं, उनकी मुकम्मल जांच हो और सरकार सीबीआइ को जांच सौंपे ताकि कोई बड़ी मछली बच नहीं पाए।
पप्पू यादव ने कटिहार के जिलाधिकारी पर आरोप लगाया कि उन्होंने नियमों का उल्लंघन करते हुए दूसरे जिले के अपराधियों को हथियारों के 70 लाइसेंस दिए। उन्होंने सवाल उछाला कि क्या रूपेश कुमार सिंह की हत्या पीएचइडी के ठेकों में संलिप्तता या बिजली के ठेकों में संलिप्तता को लेकर हुई है। उन्होंने कहा कि पीएचइडी से दरभंगा के नहर का ठेका जिस कंपनी को मिला उसमें भी रूपेश शामिल थे। उन्होंने कहा कि उनकी दखलंदाजी पीएचइडी के ठेकों में थी।
पप्पू यादव ने कहा कि शराब व बालू से अवैध संपत्ति खड़ी करने वालों की तीन महीने के अंदर जांच करायी जाए और प्रवर्तन निदेशालय से उनकी संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की जाए।
पटना में इंडिगो के स्टेशन मैनेजर की हत्या पिछले दिनों अपराधियों ने पटना में गोली मार कर दी थी, लेकिन पुलिस अबतक इस मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। हालांकि इस मामले में अबतक करीब 200 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है।
रूपेश की हत्या 12 जनवरी 2021 को पटना में दिनदहाड़े गोली मार कर कर दी गयी थी। दिन के साढे चार बजे मोटरसाइकिल सवार अपराधियों ने उन्हें छह गोली मारी। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया। रूपेश की हत्या के बाद कानून व्यवस्था के मुद्दे पर बिहार की राजनीति गरमा गयी और विपक्ष नीतीश सरकार को इस मुद्दे पर लगातार घेर रहा है।