बिहार के महादलित बच्चों को कागज पर ही सिखा दी अंग्रेजी, 1वर्तमान और 3 पूर्व IAS पर FIR
बिहार महादलित मिशन द्वारा महादलितों के कल्याण हेतु कई तरह की योजनाएं चलाई जातीं हैं। यह योजना महादलित बच्चों को अंग्रेजी सिखाने के लिए बनाई गई थी।
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में घपलों-घोटालों का उजागर होना कोई नई बात नहीं। अब बिहार महादलित मिशन में करोड़ों के घपले का मामला उजागर हुआ है। राज्य के महादलित बच्चों को कागजों पर ही अंग्रेजी सिखा दी गई है। इसे लेकर विजिलेंस ने FIR दर्ज कराई है।
विजिलेंस द्वारा दर्ज कराए गए FIR में IAS अधिकारी एसएम राजू(अभी निलंबित), रिटायर्ड IAS अधिकारी राघवेंद्र झा, रामनारायण लाल, रामाशीष पासवान, ब्रिटश लिंगुवा के निदेशक बीरबल झा, तत्कालीन परियोजना पदाधिकारी श्रीमती देव जानिकर, OSD अनिल कुमार सिन्हा व हरेंद्र श्रीवास्तव, सहायक मिशन निदेशक वीरेंद्र चौधरी तथा मिशन कोऑर्डिनेटर शशिभूषण सिंह को आरोपित किया गया है। इन सभी के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
FIR के अनुसार, बिहार महादलित मिशन को महादलित बच्चों को अन्य ट्रेड के अलावा इंग्लिश स्पोकन का प्रशिक्षण भी दिलाने की जिम्मेदारी दी गई थी। विजिलेंस की प्राथमिकी में कहा गया है कि लगभग 10 वर्ष पूर्व 4 अक्टूबर 2011 को समाचार पत्रों में 'रुचि की अभिव्यक्ति' का विज्ञापन निकाला गया। इसमें महादलित बच्चों को 20 ट्रेड में प्रशिक्षण दिए जाने के लिए जिम्मेदारी देनी थी, जिसमें एक ट्रेड इंग्लिश स्पोकन का था। मिशन ने इसकी जिम्मेदारी ब्रिटिश लिंगुवा को दी, पर यह कोर्स भौतिक रूप से कागजी बनकर रह गया।
मिशन द्वारा बताया गया कि इस कोर्स के तहत 14826 बच्चों को प्रशिक्षण दिया गया। पर विजिलेंस की जांच में इसमें कई गड़बड़ियां और अनियमितताएं पकड़ी गईं। एक ही समय व सत्र में एक ही छात्र का दो-दो ट्रेड में नाम चल रहा था। एक ही नाम-पता के प्रशिक्षणार्थियों को दो रॉल नँबर आबंटित कर एक ही बैच में कागजों पर ही प्रशिक्षण दे दिया गया।
विजिलेंस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में कहा गया है कि महादलित विकास मिशन और ब्रिटिश लिंगुवा के कर्ता धर्ताओं ने आपसी मेलजोल कर गड़बड़ी की है। फर्जी दस्तावेज तैयार कर 7 करोड़ 30 लाख 13309 रुपये की राशि के चेक का उठाव कर लिया गया है। इस राशि का भुगतान वित्तीय वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 और 2015-16 में किया गया है।