जिसकी बेटी के साथ हुआ यौन अपराध उसी से 25 हजार का जुर्माना वसूल पूरे परिवार को गांव से निकाला दबंगों ने

जमुई जिला के चन्द्रमंडीह थाना क्षेत्र में उस बिन ब्याही लड़की के गर्भवती होने पर उसे और उसके परिवार को दबंगों ने गांव से बाहर निकल जाने का फरमान सुना दिया, जिसके बाद अब यह आदिवासी परिवार गांव छोड़ दर-दर की ठोकरें खा रहा है,बताया जा रहा है कि इस परिवार ने पास के जंगली इलाके में शरण ले रखा है...

Update: 2020-09-07 18:37 GMT

जंगल में शरण लिए हुए पीड़ित आदिवासी परिवार (फोटो:साभार न्यूज़18)

जनज्वार। किसी भी सभ्य समाज का दायित्व होता है कि किसी के साथ अन्याय हो तो उसका साथ देते हुए न्याय दिलाने की कोशिश की जाय। ऐसे में अगर समाज और सामाजिक व्यवस्था के नाम पर पीड़ित को ही शोषित और निष्कासित कर दिया जाय तो इसे कबीलाई व्यवस्था का ही रूप कहा जा सकता है। बिहार के जमुई जिला में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिससे इंसानियत और सामाजिक व्यवस्था दोनों को शर्मसार होना पड़ सकता है।

जमुई में आदिवासी समाज की एक मानसिक रूप से कमजोर लड़की किसी का शिकार होकर बिन ब्याही मां बनने वाली थी। कहां तो समाज के लोग उसको न्याय दिलाने की कोशिश करते, उसी समाज के दबंगों ने उसके परिवार को ही दंड का फरमान सुना डाला।

न्यूज़ 18 में प्रकाशित इस खबर के अनुसार, जमुई जिला के चन्द्रमंडीह थाना क्षेत्र में उस बिन ब्याही लड़की के गर्भवती होने पर उसे और उसके परिवार को दबंगों ने गांव से बाहर निकल जाने का फरमान सुना दिया। जिसके बाद अब यह आदिवासी परिवार गांव छोड़ दर-दर की ठोकरें खा रहा है।बताया जा रहा है कि इस पूरे परिवार ने पास के जंगली इलाके में शरण ले रखा है।

न्यूज़ 18 की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि गांव से निकाले जाने के बाद कुछ लोगों को यह पीड़ित परिवार इलाके के बटिया घाटी के जंगल में भटकते पाया गया है। बताया गया है कि इस परिवार की मानसिक रूप से विक्षिप्त लड़की के साथ किसी ने गलत काम किया और वह गर्भवती हो गई। उसकी अभी शादी नहीं हुई थी। इसके बाद गांव के दबंगों ने पीड़ित लड़की और उसके परिवार से जवाब-तलब किया। लड़की चूंकि दिमागी तौर पर कुछ कमजोर थी, लिहाजा वह कुछ ठीक से जबाब नहीं दे सकी।

पीड़ित परिवार का आरोप है कि इसके बाद दबंगों ने उस परिवार को गांव से बाहर चले जाने का फरमान सुना दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार परिवार के मुखिया का कहना है कि गर्भवती होने के मामले में जब लड़की सही जवाब नहीं दे पाई, तो दबंगों ने परिवार को गांव खाली करने का अल्टीमेटम दिया, जिसके बाद वे लोग मारपीट के डर से गांव घर छोड़ जंगल आ गये।

इस परिवार की छोटी लड़की के साथ यह घटना हुई है, जो मानसिक रूप से कमजोर है। परिवार का आरोप है कि इसे लेकर दबंगों ने उनसे 25 हजार रुपये काजुर्माना भी वसूल लिया है।

पिता के मुताबिक दबंगों ने इस मामले में पंचायत बिठाई। इसमें 25 हजार का जुर्माना भी लिया। उन्होंने गांव और अपने समाज के ही तीन-चार लोगों के विरुद्ध दबंगई करने का आरोप लगाते हुए चंद्रमंडीह थाने में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि झाझा एसडीपीओ ने कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने कहा है कि ये घटना उनके संज्ञान में नहीं है। चंद्रमंडीह थाने में अगर पीड़ित परिवार ने आवेदन दिया है तो उसके आधार पर केस दर्ज होगा। पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाया जाएगा और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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