लालू यादव का जूता उठाने वाले शिवानंद तिवारी तेजस्वी का ढो रहे हैं झोला: बीजेपी

निखिल आनंद ने कहा कि शिवानंद तिवारी जैसे नेताओं की भूपेंद्र यादव पर टिप्पणी करने की हैसियत नहीं है, राजद में शिवानंद तिवारी की हैसियत लालू यादव का जूता-चप्पल और पीकदान उठाने वाले नेता की रही है..

Update: 2021-01-11 13:23 GMT

जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव के राजद के टूटने संबन्धी बयान के बाद मचा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। उनके बयान के बाद एक ओर जहां जेडीयू के नेता बयानबाजी में कूद पड़े हैं, वहीं राजद नेता भी मैदान में उतर गए हैं। राजद नेता शिवानन्द तिवारी ने भूपेंद्र यादव को सीधी चुनौती दे दी कि वे पार्टी को तोड़कर दिखाएं। इसके बाद बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता ने उनपर सीधा व्यक्तिगत हमला बोलते हुए यहां तक कह दिया कि उनकी हैसियत लालू प्रसाद का जूता और पीकदान उठाने की थी और अब वे तेजस्वी यादव का झोला ढो रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने सोमवार को राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी पर करारा प्रहार किया है। बीजेपी के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव की तारीफ करते हुए पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि आज की तारीख में वे देश में यादव समाज के सबसे बड़े नेता हैं। निखिल आनंद ने कहा कि शिवानंद तिवारी जैसे नेताओं की भूपेंद्र यादव पर टिप्पणी करने की हैसियत नहीं है।

बीजेपी प्रवक्ता यहीं नहीं रुके, बल्कि उन्होंने यहां तक कह दिया कि राजद में शिवानंद तिवारी की हैसियत लालू यादव का जूता-चप्पल और पीकदान उठाने वाले नेता की रही है। चूंकि लालू यादव अब जेल जा चुके हैं तो शिवानंद तिवारी तेजस्वी यादव का झोला उठाकर चल रहे हैं।

बीजेपी प्रवक्ता ने भी राजद के टूटने का दावा करते हुए कहा कि आज या कल आरजेडी का टूटना और खत्म होना तय है। बता दें कि भूपेंद्र यादव ने बीजेपी पटना महानगर के एक कार्यक्रम में दावा किया था कि खरमास बाद राजद अपनी पार्टी बचाकर दिखा लें। उसके बाद से ही पक्ष-विपक्ष की बयानबाजी लगातार चल रही है।

इसके बाद राजद नेता शिवानंद तिवारी ने सोमवार को प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था 'बिहार भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव ज़ी ने भारी भरकम दावा किया है। उनके अनुसार खरमास के राजद में बहुत बड़ी टूट होने वाली है। भूपेंद्र जी की मैं इज़्ज़त करता हूँ। राज्य सभा में हम लोग साथ रहे हैं। एक गंभीर व्यक्ति के रूप में ही मैं उनको जानता हूँ। लेकिन उनके बयान ने मुझे चकित किया है। अगर सचमुच उनके दावा में दम है तो हम पर कृपा क्यों, राजद को तोड़ कर दिखाएं।'

उन्होंने बिहार सरकार के कामकाज पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि बेहतर होगा कि भाजपा का नेतृत्व हमारी चिंता छोड़ कर अपने गठबंधन की चिंता करे। नीतीश जी का बयान ही कह रहा है कि गठबंधन में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। उन्हीं का कहना है कि इसके पहले गठबंधन में ऐसा कभी नहीं हुआ था। मंत्रिमंडल का गठन अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। मंत्री विभागों के बोझ से दबे हुए हैं कुछ मंत्री ऐसे हैं जो पहली मर्तबा मंत्री बने हैं। सरकार में काम करने का उनको तजुर्बा नहीं है। इस परिस्थिति में बिहार का शासन जन प्रतिनिधि नहीं बल्कि पदाधिकारी चला रहे हैं।

उन्होंने कहा था कि कार्यकारिणी की बैठक में कई सदस्यों ने भाजपा पर 'पीठ में छुरा भोंकने' जैसे गंभीर आरोप भी लगाए। ऐसे में अपने घर को ठीक करने के बजाय हमारे घर को तोड़ने की दावेदारी करना भाजपा नेताओं को शोभा नहीं देता है।

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