बिहार: किसान आंदोलन के समर्थन में महागठबंधन शहीद दिवस पर 30 को पंचायत स्तर पर बनाएगा मानव श्रृंखला

विपक्षी दल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और वामदल किसान आंदोलन के समर्थन में बिहार में लगातार कोई न कोई कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं, कई बार धरना और प्रदर्शन भी किए जा चुके हैं..

Update: 2021-01-11 02:30 GMT

(Photo: social media)

जनज्वार ब्यूरो, पटना। तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन को बिहार में विपक्षी दलों का लगातार समर्थन मिल रहा है। विपक्षी दल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और वामदल किसान आंदोलन के समर्थन में बिहार में लगातार कोई न कोई कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। कई बार धरना और प्रदर्शन भी किए जा चुके हैं।

अब शहीद दिवस पर आगामी 30 जनवरी को महागठबंधन के सभी घटक दल राज्यभर में पंचायत स्तर पर मानव श्रृंखला बनाकर किसान आंदोलन को समर्थन देंगे।

महागठबंधन की ओर से राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने इसकी घोषणा की है। तेजस्वी यादव ने कहा कि आगामी 30 जनवरी को शहीद दिवस पर महागठबंधन की सभी पार्टियां तीन किसान विरोधी क़ानूनों के विरोध एवं किसान आंदोलन के पक्ष में पंचायत स्तर तक मानव श्रृंखला बनाएंगी। इस मानव श्रृंखला के माध्यम से बेरोजगारी, पलायन और किसान के मुद्दे उठाए जाएंगे।

उन्होंने साल 2015 से 17 के बीच के डेढ़ सालों को छोड़ राज्य में पिछले 15 वर्षों से सत्तारूढ़ एनडीए की नीतियों की आलोचना की।

तेजस्वी यादव ने कहा 'एनडीए द्वारा बिहार से 2006 में APMC एक्ट समाप्त करने के बाद से यहाँ के किसान मजदूर बन गए हैं। इसके कारण बिहार से पलायन बढ़ गया। 16 वर्षों की NDA की सरकार में नीतीश कुमार जी ने बिहार को बेरोज़गारी का केंद्र और मजबूर प्रदेश बना दिया है।'

तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा हमला करते हुए कहा कि अगर आप नीतीश जी के इतिहास को देखें तो इन्होंने जॉर्ज फर्नांडिस, दिग्विजय सिंह, शरद यादव या हमारी पार्टी को ही ले लीजिए सबको धोखा दिया है। वह पिछले दरवाजे से सत्ता में आए और अपनी सत्ता की प्यास बुझाई। वो बिना कुर्सी के जी ही नहीं सकते।

उन्होंने कहा 'नीतीश जी ने बिहार का विनाश किया है। नीतीश कुमार सौदेबाज हैं, ब्लैकमेलर हैं। वह नेता नहीं है। वह लोगों के लिए नहीं है, वह खुद के स्वार्थ के लिए है।'

उल्लेखनीय है कि बिहार चुनावों के वक्त से ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति खासे आक्रामक रहे हैं। वे चुनावों के दरम्यान उनके थके होने की बात तो कहते ही रहे हैं, राज्य सरकार पर अपराध नियंत्रण में विफल रहने, बेरोजगारों के लिए कोई नीति नहीं होने और मजदूरों के पलायन जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को घेर रहे हैं। यही नहीं, बल्कि उन्होंने राज्य में मध्यावधि चुनाव होने की बात भी कह दी है।

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