मेवालाल को लेकर तेजस्वी हमलावर, उनकी गिरफ्तारी को लेकर सुशील मोदी के पुराने बयानों की दिलाई याद

तेजस्वी यादव ने सवाल उठाते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के चार साल पुराने बयान की याद दिलाई है, जब बीजेपी राज्य में विपक्ष में थी और उन्होंने मेवालाल की गिरफ्तारी की मांग की थी, शपथ ग्रहण के बाद से ही राजद उनपर हमलावर है और नियुक्ति घोटाले सहित अन्य मामलों को लेकर उनपर सवाल उठा चुका है...

Update: 2020-11-19 05:53 GMT

जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार के नए शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी को लेकर उठा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब मुख्य विपक्षी दल राजद के तेजस्वी यादव ने सवाल उठाते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के चार साल पुराने बयान की याद दिलाई है, जब बीजेपी राज्य में विपक्ष में थी और उन्होंने मेवालाल की गिरफ्तारी की मांग की थी। शपथ ग्रहण के बाद से ही राजद उनपर हमलावर है और नियुक्ति घोटाले सहित अन्य मामलों को लेकर उनपर सवाल उठा चुका है।

19 नवंबर को तेजस्वी यादव ने एक के बाद एक दो ट्वीट कर लिखा 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा हत्या और भ्रष्टाचार के अनेक मामलों में IPC की 409, 420, 467, 468, 471 और 120B धारा के तहत आरोपी मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाने से बिहारवासियों को क्या शिक्षा मिलती है?'


दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा 'आदरणीय @NitishKumar जी, श्री मेवालाल जी के केस में तेजस्वी को सार्वजनिक रूप से सफाई देनी चाहिए कि नहीं? अगर आप चाहे तो श्री मेवालाल के संबंध में आपके सामने मैं सबूत सहित सफाई ही नहीं बल्कि गाँधी जी के सात सिद्धांतों के साथ विस्तृत विमर्श भी कर सकता हूँ। आपके जवाब का इंतज़ार है।'


उन्होंने ट्वीट के साथ नियुक्ति घोटाला उजागर होने के समय की अखबारों की कतरनें, सुशील मोदी द्वारा उनकी गिरफ्तारी की मांग से संबंधित बयान और पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास द्वारा मेवालाल चौधरी की पत्नी नीता चौधरी की अप्राकृतिक मौत की एसआइटी जांच की मांग वाले पत्र को भी साझा किया है।

उधर शपथ लेने के बाद से ही लगातार विवादों में घिरे बिहार सरकार के नए शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी कल 18 नवंबर को सीएम हाउस तलब किए गए थे। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें तलब किया था। सीएम हाउस में मेवालाल चौधरी काफी देर तक रहे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके बीच क्या बातें हुईं, यह सामने नहीं आया, पर चर्चा है कि पिछले दो दिनों से उन्हें लेकर उठे विवाद को लेकर मेवालाल चौधरी को तलब किया गया था। इस बवाल से नीतीश कुमार की 'सुशासन' की सरकार वाली क्षवि को बट्टा लग रहा था।

नियुक्ति घोटाले में आरोपित होने को लेकर उनपर पहले से सवाल उठ रहे थे। फिर उनकी पत्नी के अप्राकृतिक मौत के मामले को लेकर राज्य के एक पूर्व आईपीएस ने डीजीपी को पत्र भेज एसआईटी जांच की मांग की। उसके बाद उनको राष्ट्रगान नहीं आने का एक वीडियो ट्विटर और फेसबुक पर डाल कर राष्ट्रीय जनता दल ने उनपर सवाल उठाया था।

राष्ट्रीय जनता दल के ट्विटर हैंडल से वीडियो शेयर कर ट्वीट किया गया था 'भ्रष्टाचार के अनेक मामलों के आरोपी बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी को राष्ट्रगान भी नहीं आता। नीतीश कुमार जी शर्म बची है क्या? अंतरात्मा कहाँ डुबा दी?'

इससे पहले मंत्री मेवालाल चौधरी की पत्नी नीता चौधरी की अप्राकृतिक मौत को लेकर पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने डीजीपी को पत्र लिखकर एसआईटी जांच की मांग की थी। यह मामला साल 2019 का है। 27 मई 2019 को मेवालाल चौधरी की पत्नी नीता चौधरी की अप्राकृतिक मौत को लेकर मुंगेर जिला के तारापुर थाने में अननेचुरल डेथ का मामला दर्ज किया गया था।

इस यूडी केस के अनुसार 27 मई 2019 को नीता चौधरी किचेन में काम कर रहीं थीं, इसी दौरान आग लग गई। घटना रात के 8 से 9 बजे के बीच की बताई गई। आग लगने से वे बुरी तरह से झुलस गई थीं और बाद में इलाज के क्रम में 3 जून 2019 को उनकी मौत हो गई थी। 

मेवालाल चौधरी नियुक्ति घोटाला मामले में पहले से आरोपित हैं। जब मेवालाल चौधरी भागलपुर के सबौर स्थित एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में वीसी थे और उस वक्त वहां असिस्टेंट प्रोफेसर और कनीय वैज्ञानिकों की नियुक्ति में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी। इसे लेकर राजभवन के आदेश पर हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस ने जांच की थी। फिर गंभीर धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसमें मेवालाल चौधरी को भी आरोपित किया गया था।

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