तेजस्वी का नीतीश पर हमला-बेटी न हो जाय, इस डर से एक बेटा के बाद नहीं पैदा किए बच्चे, सत्तापक्ष का हंगामा

चुनाव प्रचारों के दौरान नीतीश कुमार ने बिना नाम लिए अपरोक्ष रूप से लालू प्रसाद के बच्चों को लेकर तंज किया था, उन्होंने कहा था कि कुछ लोग बेटा के चक्कर में कई बच्चे पैदा कर लेते हैं...

Update: 2020-11-27 09:59 GMT

File photo

जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा के पहले सत्र का आज शुक्रवार को आखिरी दिन है और इस दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच एक-दूसरे पर तीखे हमले किए जा रहे हैं। खासकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर जुबानी हमला बोला।

तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के पुत्र की चर्चा करते हुए उनपर कई व्यक्तिगत हमले भी किए। चुनाव प्रचारों के दौरान नीतीश कुमार द्वारा लालू प्रसाद के बच्चों की संख्या को लेकर बिना नाम लिए अपरोक्ष रूप से तंज किया गया था।

शुक्रवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बहस चल रही थी। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भाषण दे रहे थे। इसी क्रम में उन्होंने यहां तक कह दिया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक बेटा है। वह बेटा हैं या नहीं, यह शायद वही बता सकते हैं। लोग तो यह भी कह सकते हैं कि बेटी पैदा होने के डर से दूसरा बच्चा पैदा नहीं किया।

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को दूसरे के बच्चे गिनने में कितना मजा आता है, हालांकि फिर उन्होंने कहा कि उनके माता पिता ने ऐसे संस्कार नहीं दिए हैं कि वे बड़ों के विरुद्ध कोई गलत बात कहें, पर कुछ लोग इसका ख्याल नहीं रखते। हालांकि इस दौरान सत्तापक्ष के सदस्यों ने खूब हंगामा किया। बाद में विधानसभा अध्यक्ष ने भाषण के इस अंश को सदन की कार्यवाही से हटा देने का निर्देश दिया।

बिहार में चुनाव प्रचारों के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिना नाम लिए अपरोक्ष रूप से लालू प्रसाद के बच्चों को लेकर तंज किया था। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग बेटा के चक्कर में कई बच्चे पैदा कर लेते हैं।

तेजस्वी यादव ने बिहार में बेरोजगारी, कोरोना प्रबंधन और बाढ के दौरान सरकार के फेल होने की बात कही। उन्होंने कहा कि एक बार फिर से जनादेश का अपहरण कर लिया गया है। बिहार देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां मुख्यमंत्री ही पाला बदल लेते हैं। तेजस्वी ने कहा कि बिहार के 18 जिलों में बाढ़ आई, 85 लाख की आबादी प्रभावित हुई, पर मुख्यमंत्री जी बाहर नहीं निकले। इसीलिए हम बार बार कहते हैं कि मुख्यमंत्री थक गए हैं। न विजन है न कोई सोच।

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