तेजस्वी का वार-डरावने हैं बिहार के हालात, सवाल पूछिए तो सरकार हड़प्पा काल की करती है बात
बिहार में कानून व्यवस्था और आंदोलन-प्रदर्शन को लेकर जारी एक आदेश पर मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा, राज्य के विपक्षी दल इन मुद्दों को लेकर लगातार आक्रामक हैं और सवाल उठा रहे हैं...
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में कानून व्यवस्था और आंदोलन-प्रदर्शन को लेकर एक आदेश पर मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। राज्य के विपक्षी दल इन मुद्दों को लेकर लगातार आक्रामक हैं और सवाल उठा रहे हैं। शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष राजद के तेजस्वी यादव ने फिर से सरकार पर हमला किया है।
आज तेजस्वी यादव ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए।ट्वीट कर उन्होंने लिखा, 'बिहार में बहुत ही डरावने हालात है। कौन, कब, किसे, कैसे और क्यों मार दे कोई नहीं जानता? सुपौल, मुजफ्फरपुर,भागलपुर,नालंदासासाराम,पटना,समस्तीपुर जहां देखिए लूट, खून, बलात्कार, गोलीबारी, मर्डर, हत्या, हत्या और हत्या ही हत्या। बिहार में सरकार और विधि व्यवस्था नाम की चीज है ही नहीं?'
तेजस्वी यादव ने एक और ट्वीट कर लिखा, 'सरकार से क़ानून व्यवस्था पर सवाल पूछिए तो वो हड़प्पा काल की बात करते है। धरना-प्रदर्शन किजीए तो नए फ़रमान जारी करते है। दबाव डालिए तो लीपापोती के लिए किसी को भी बलि का बकरा बना देते है। थके और कमजोर मुख्यमंत्री की कोई नहीं सुन रहा. अपराधी और माफिया राज कर रहे है।'
इसके बाद एक और ट्वीट कर तेजस्वी ने लिखा, 'गांधीवाद की दिखावटी बात करने वाले जेपी आंदोलन से निकले कथित नेता की तानाशाही के चर्चे और पर्चे अब विदेशों में छप रहे है। सोशल मीडिया पर लिखने से जेल,धरना-प्रदर्शन करने पर नौकरी से वंचित करने के तुगलकी फरमान सुनाए जा रहे है। लोकतंत्र की जननी बिहार को NDA सरकार अपमानित कर रही है।'
बता दें कि बिहार में इंडिगो मैनेजर रूपेश सिंह के बहुचर्चित हत्याकांड को पुलिस द्वारा सुलझा लिए जाने और हत्याकांड में शामिल शूटर की गिरफ्तारी का खुलासा करने का बाद से ही विपक्षी दल इसपर सवाल उठा रहे हैं।
उधर रूपेश के परिजन भी पुलिस की थ्योरी पर भरोसा नहीं कर पा रहे। तेजस्वी यादव पहले भी कह चुके हैं कि बड़े लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है।
वहीं धरना-प्रदर्शन और सड़क जाम आदि के क्रम में एफआईआर होने के बाद सरकारी नौकरी और सरकारी ठेकों-पट्टों से वंचित किए जाने से संबंधित पुलिस विभाग के एक आदेश को लेकर भी विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हैं।