जो मोबाइल नम्बर जारी कर सुशील मोदी ने कहा लालू प्रसाद कर रहे प्रयोग, ट्रूकॉलर बता रहा 'इरफान रांची लालूजी'

हालांकि दो तथ्य महत्वपूर्ण हैं कि ट्रूकॉलर पर आखिर यह नाम दिखाए जाने का रहस्य क्या है और अगर इसपर दिखाया जानेवाला नाम वास्तविक है तो इरफान आखिर कौन है...

Update: 2020-11-25 04:37 GMT

जनज्वार ब्यूरो, पटना। लालू प्रसाद पर जेल से फोन कर एनडीए विधायकों को मंत्री पद देने का लालच देने का सनसनीखेज आरोप बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने लगाया है। सुशील मोदी ने अपने आरोप के साथ एक मोबाइल नम्बर भी जारी किया है और दावा किया है कि इसी नम्बर से लालू प्रसाद बात कर रहे हैं। यही नहीं, बल्कि उन्होंने यह दावा भी किया है कि इस नम्बर पर उन्होंने खुद भी कॉल किया तो फोन सीधे लालू प्रसाद ने उठाया, जिनके साथ उनकी बात भी हुई। उनके आरोप के बाद सियासी हलके में तूफान मचा हुआ है। इन सबके बीच यह सवाल सबसे अहम हो गया है कि सुशील मोदी द्वारा जारी किया गया मोबाइल नम्बर आखिर किसके नाम पर रजिस्टर्ड है।

हालांकि यह खुलासा तो अबतक नहीं हो पाया है कि वह सिम किसके नाम पर है। यह भी अभी साबित नहीं हो पाया है कि सुशील मोदी के आरोपों में कितनी सत्यता है, लेकिन मोबाइल नम्बर के साथ नाम बताने वाले ऐप ट्रूकॉलर पर इस नम्बर के साथ एक नाम बताया जा रहा है।


ट्रूकॉलर पर इस नम्बर को डायल करने पर 'इरफान रांची लालूजी' लिखा आ रहा है। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि ट्रूकॉलर पर दिखाया जाने वाला इरफान आखिर कौन है? हालांकि तकनीकी जानकारों का कहना है कि ट्रूकॉलर ऐप यह नहीं बता पाता कि किसी नम्बर का असली मालिक कौन है, बल्कि किसी नम्बर को ज्यादातर लोगों ने अपने नम्बर पर जिस नाम से सेव किया रहता है, वही नाम ट्रूकॉलर ऐप की मेमोरी में सेव रहता है।

हालांकि दो तथ्य महत्वपूर्ण हैं कि ट्रूकॉलर पर आखिर यह नाम दिखाए जाने का रहस्य क्या है और अगर इसपर दिखाया जानेवाला नाम वास्तविक है तो इरफान आखिर कौन है?

अबतक सुशील मोदी द्वारा लगाए गए आरोपों के सत्यता की पुष्टि नहीं हुई है, पर चर्चा लालू प्रसाद के सेवादारों की चलने लगी है कि यह नाम किसी सेवादार का भी हो सकता है। वैसे इरफान नाम के लालू प्रसाद के किसी सेवादार का नाम इससे पहले कभी सुना नहीं गया है।

बता दें कि सुशील मोदी ने कल मंगलवार की रात ट्वीट कर आरोप लगाया था कि रांची में जेल की सजा काट रहे लालू प्रसाद मोबाइल का न सिर्फ इस्तेमाल कर रहे हैं, बल्कि लगातार मोबाइल फोन के जरिए एनडीए के नवनिर्वाचित विधायकों से संपर्क साध रहे हैं। सुशील मोदी ने एक मोबाइल नम्बर जारी करते हुए लिखा था कि लालू प्रसाद इस मोबाइल नम्बर से लगातार एनडीए के विधायकों को फोन कर मंत्री पद का प्रलोभन दे रहे हैं। वे उन्हें महागठबंधन में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि जब इस नम्बर पर उनके द्वारा कॉल किया गया तो फोन खुद लालू प्रसाद ने उठाया। जिसपर उन्होंने कहा कि कितनी भी तिकड़म कर लें, सफलता नहीं मिलेगी।उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद फिलहाल रिम्स अस्पताल के केली बंगले में रह रहे हैं।

वैसे सुशील मोदी के लिए लालू प्रसाद पर आरोप लगाना और नए-नए खुलासे करने का यह कोई पहला मामला नहीं है। पहले भी वे लालू प्रसाद और उनके परिजनों पर गंभीर आरोप लगाते रहे हैं। साल 2015 में राज्य में जब जेडीयू और राजद की सरकार बनी थी तथा बीजेपी विपक्ष में थी, तब सुशील मोदी ने लालू प्रसाद और उनके परिवार के विरुद्ध आरोपों की बाजाप्ता एक सीरीज चलाई थी और प्रतिदिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक आरोप लगाते थे और नए-नए खुलासे करते थे। हालांकि बाद में जेडीयू ने राजद से अलग होकर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी।

सुशील मोदी का यह आरोप काफी गंभीर है और इससे बिहार  में एक तरह से राजनीतिक तूफान मच गया है, हालांकि राजद की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। आज बुधवार को ही बिहार विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होना है। इस बार महागठबंधन की ओर से भी अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार उतारा गया है।

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