बिहार : व्हाट्सएप पर चल रहा है जिस्मफरोशी का धंधा, पेटीएम से लेते थे पेमेंट, खुलासा होने पर उड़े होश

पकड़े गए सभी आरोपित फेसबुक, इंस्टाग्राम और कई सोशल साइट्स के जरिये ग्राहकों से संपर्क साधकर उनका नंबर मांगते थे फिर व्हाट्सएप पर लड़कियों की फोटो भेजकर सौदा तय करते थे। सौदा तय होने के बाद पेटीएम, फोन-पे, गूगल-पे के माध्यम से पैसा लेकर होटल बुक कर वहां लड़कियों को भेज देते थे।

Update: 2020-08-28 08:08 GMT

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जनज्वार। सोशल साइट्स के जरिये चला रहे सेक्स रैकेट का खुलासा करते हुए मैकेनिकल इंजीनियर आलोक रंजन सहित चार दलालों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए सभी आरोपित फेसबुक, इंस्टाग्राम और कई सोशल साइट्स के जरिये ग्राहकों से संपर्क साधकर उनका नंबर मांगते थे फिर व्हाट्सएप पर लड़कियों की फोटो भेजकर सौदा तय करते थे। सौदा तय होने के बाद पेटीएम, फोन-पे, गूगल-पे के माध्यम से पैसा लेकर होटल बुक कर वहां लड़कियों को भेज देते थे।

पुलिस ने छापेमारी के दौरान देह व्यापार के धंधे में फंसे तीन लड़कियों को भी मुक्त कराया। दरअसल, एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा को होटलों में देह व्यापार के संचालन की जानकारी मिली थी। इसके बाद उनके आदेश पर कोतवाली थानेदार के नेतृत्व में किदवईपुरी के एक गेस्ट हाउस में छापेमारी की गई। इस दौरान एक कमरे से युवक और युवती पकड़े गए।

पूछताछ के दौरान दोनों एक-दूसरे को प्रेमी-प्रेमिका बता रहे थे। पुलिस ने जब पकड़े गए मैकेनिकल इंजीनियर आलोक का मोबाइल नंबर खंगाला और परिजनों को बुलाया तो सच्चाई का पता चला। आलोक ने घर वालों से कहा था कि बैंक पीओ की तैयारी कर रहा है। जबकि वह कोलकाता से लड़कियों को बुलाकर देह व्यापार कराता था। उसकी निशानदेही पर बोरिंग रोड, बुद्धा कॉलोनी, कंकड़बाग, पत्रकार नगर सहित कई इलाकों में छापेमारी की गई।

वहां से तीन दलालों मनौव्वर. कुंदन और पिंकी को पकड़ा गया। कोतवाली थानाध्यक्ष राम शंकर सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित के विरूद्ध देह व्यापार अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। वहीं देह व्यापार के चंगुल से मुक्त कराई गई लड़कियों को पुनर्वास के लिए भेजा गया है।

गिरफ्तार दलालों ने पुलिस को बताया कि वे फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि सोशल साइट्स के जरिए ग्राहकों से संपर्क करते थे। इसके बाद ग्राहक के नंबर मांगते और वाट्सऐप पर लड़कियों की तस्वीरें भेजते थे। सौदा तय होने के बाद पेटीएम, पे-फोन, गूगल पे सहित अन्य माध्यमों से रुपये मंगवाते थे। फिर, होटल का पता और कमरा नंबर भेजते थे।

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