Lakhimpur Kheri : सरकार-किसानों के बीच समझौता, मृतक किसानों के परिजनों को मिलेंगे 45-45 लाख रुपये और सरकारी नौकरी

Lakhimpur Kheri : उत्तर प्रदेश के लखीपुर खीरी कांड के मृतक किसानों को सरकार देगी 4545 लाख रुपये का मुआवजा।

Update: 2021-10-04 08:16 GMT

Lakhimpur Kheri जनज्वार। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में किसानों (Farmers) की मौत के बाद योगी सरकार ने ऐलान किया है कि प्रत्येक पीड़ित परिवार को 45-45 लाख रुपये और परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाएगी। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा है कि अफसरों से छह राउंड की बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि मृतक के परिवार वालों को सरकार की ओर से 45-45 लाख रुपये दिए जाएंगे। 

जानकारी के मुताबिक किसानों की ओर से मृतकों के परिजनों के लिए 1 करोड़ रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग की थी। लेकिन सरकार 45 लाख रुपये पर ही बात मानी। इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत सुबह लगभग साढ़े चार बजे के करीब लखीमपुर पहुंच गए थे और उन्होंने लखीमपुर के एक गुरुद्वारा में किसानों की कमेटी के साथ बैठक की। 

इस घटना को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) का कहना है कि जिस तरह से इस देश में किसानों (Farmers) को कुचला जा है, उसके लिए लफ्ज ही नहीं है। कई महीनों से किसान (Farmers) अपनी आवाज उठा रहा है कि उसके साथ गलत हो रहा है। सरकार सुनने को राजी नहीं है। जो हुआ वो दिखाता है कि यह सरकार एकदम किसानों को कुचलने की राजनीति कर रही है। किसानों को खत्म करने की राजनीति कर रही है। यह देश किसानों का देश है। यह देश बीजेपी की विचारधारा की जागीर नहीं है। जब बल प्रयोग करना पड़ता है तो इसका मतलब है कि इसका नैतिक अधिकार सरकार और पुलिस खो चुकी है।

क्या है पूरा मामला

लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र (Ajay Mishra) के बेटे आशीष मिश्र ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कथित तौर पर गाड़ी चढ़ा दी थी। ये किसान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) का विरोध कर रहे थे। इस घटना में आठ लोगों की मौत हो गई।  

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र और यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एक कार्यक्रम के लिए लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) पहुंचे थे। इसकी जानकारी जैसे ही कृषि कानूनों (Agriculture Laws) का विरोध कर रहे किसानों को हुई तो वे हेलिपैड पहुंच गए। किसानों (Farmers) ने रविवार सुबह आठ बजे ही हेलिपैड पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद करीब दोपहर 2.45 बजे सड़क के रास्ते मिश्र और मौर्य का काफिला तिकोनिया चौराहे से गुजरा तो किसान काले झंडे लेकर दौड़ पड़े। इसी दौरा भारी बवाल हो गया और इन सबके बीच हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई।

Tags:    

Similar News