Cabinet Clears Proposal : सभी जाति-धर्म के लड़के-लड़कियों की विवाह के लिए एक समान होगी न्यूनतम उम्र, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विधेयक को दी मंजूरी

Cabinet Clears Proposal : कैबिनेट ने अब लड़कों और लड़कियों के विवाह के लिए न्यूनतम उम्र सीमा समान करने के विधेयक को मंजूरी दी है....

Update: 2021-12-16 07:51 GMT

(शादी के लिए युवतियों की न्यूनतम उम्र 21 करने की सिफारिश। प्रतीकात्मक तस्वीर)

Cabinet Clears Proposal : केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से बुधवार 15 दिसंबर को दो बड़े सुधारों से जुड़े विधेयकों को मंजूरी दे दी गई। इनमें पहला बड़ा सुधार लड़कियों के विवाह (Marriage) की उम्र से जुड़ा है। कैबिनेट ने अब लड़कों और लड़कियों के विवाह के लिए न्यूनतम उम्र सीमा (Minimum Age For Marriage) समान करने के विधेयक को मंजूरी दी है। यानी दोनों की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष होगी। अगर यह कानून लागू हुआ तो सभी धर्मों व वर्गों के लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र बदल जाएगी।

इसके अलावा केद्रीय मंत्रिमंडल ने चुनाव सुधारों से जुड़े एक विधेयक को भी मंजूरी दी है। इस विधेयक के संसद में पारित होने पर मतदाता पहचान पत्र (Voter ID) को आधार कार्ड से जोड़ने के साथ ही नए वोटरों को रजिस्ट्रेशन के ज्यादा मौके मिलेंगे। माना जा रहा है कि ये दोनों विधेयक संसद के मौजूदा सत्र में ही पेश किए जाएंगे। बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बीते साल 2020 में लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में लड़के और लड़कियों के विवाह की उम्र समान करने की बात कही थी। वहीं चुनाव सुधारों का मुद्दा चुनाव आयोग काफी लंबे समय से उठाता रहा है।

सभी धर्मों पर समान रूप से लागू करने की शिफारिश

बता दें कि जया जेटली की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया गया था ताकि लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र पर विचार किया जा सके। इस टास्क फोर्स ने एक साल पहले दिसंबर 2020 में अपनी रिपोर्ट नीति आयोग को सौंपी थी। इस रिपोर्ट में युवतियों की विवाह की न्यूनतम उम्र बढ़ाकर 21 वर्ष करने का पूरा रोल आउट प्लान सौंपा गया था। इसे समान रूप से पूरे देश में सभी वर्गों पर लागू करने की मजबूत सिफारिश की गई थी।

परामर्श कर टास्क फोर्स ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट

दिसंबर 2020 में दस सदस्यों की टास्क फोर्स ने देशभर के जाने-माने स्कॉलर्स, कानूनी विशेषज्ञों, नागरिक संगठनों के नेताओं से परामर्श किया। वेबिनार के जरिए देश में महिला प्रतिनिधियों से बातचीत कर रिपोर्ट को दिसंबर के अंतिम सप्ताह में सरकार को सौंपा गया था।

1978 में हुआ था शादी के लिए न्यूनतम उम्र में बदलाव

टास्क फोर्स ने शादी की उम्र 21 साल रखने को लेकर चार कानूनों में संशोधनों की सिफारिश की है। युवतियों की न्यूनतम उम्र में आखिरी बदलाव 1978 में किया गया था और इसके लिए शारदा एक्ट 1929 में परिवर्तन कर उम्र 15 से 18 की गई थी।

18-21 उम्र के बीच प्रतिवर्ष शादी करती हैं 16 करोड़ लड़कियां

यूनिसेफ के मुताबिक भारत में हर साल पंद्रह लाख लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में होती है। जनगणना महापंजीयक के मुताबिक देश में 18 से 21 के बीच विवाह करने वाली युवतियो की संख्या करीब 16 करोड़ है।  

आधार को वोटर आईडी से जोड़ने की सिफारिश

चुनाव आयोग ने वोटर आईड को आधार से जोड़ने की सिफारिश की थी ताकि मतदाता सूची को पारदर्शी और सटीक बनाया जा सके। इससे फर्जी मतदाताओं या एक से अधिक जगह मतदाता सूची में दर्ज वोटरों को हटाने में भी मदद मिल सके।  चुनाव आयोग प्रवासी मजदूरों को उनकी रिहायश के शहरों में वोट देने की मंशा रखता है और इससे यह कदम साकार हो सकेगा। 

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