10 महिला वकीलों की शिकायत के बाद रिटायर्ड जस्टिस कर्णन के खिलाफ केस दर्ज, कर्णन बोले पुलिस ने नहीं दी FIR की कॉपी

कर्णन के वकील पीटर रमेश कुमार ने बताया कि 10 महिला वकीलों के द्वारा उनके खिलाफ भारत के मुख्य न्यायधीश (सीजेआई) को पत्र लिखने के बाद साइबर क्राइम विंग ने रिटायर्ड जज कर्णन के खिलाफ मामला दर्ज किया है....

Update: 2020-10-29 10:02 GMT

चेन्नई। चेन्नई पुलिस की साइबर क्राइम विंग ने कोलकाता हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त जज सी.एस.कर्णण के खिलाफ मामला दर्जकिया है लेकिन उन्हें अभी तक एफआईआर की कॉपी नहीं दी गई है। कर्णन ने गुरुवार 29 अक्टूबर को बताया कि साइबर क्राइम पुलिस ने मंगलवरा 27 अक्टूबर को मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह बात मुझे मीडिया रिपोर्टों से पता चली लेकिन मुझे अभी तक एफआईआर की कॉपी नहीं दी गई है। 

पूर्व जज ने कहा कि वह जांच में पुलिस अधिकारियों का सहयोग करेंगे। कर्णन के वकील पीटर रमेश कुमार ने कहा, '10 महिला वकीलों के द्वारा उनके खिलाफ भारत के मुख्य न्यायधीश (सीजेआई) को पत्र लिखने के बाद साइबर क्राइम विंग ने रिटायर्ड जज कर्णन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को उपयुक्त अधिकारियों से संपर्क करने के लिए कहा था।'

कर्णन ने कहा, मुझपर आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्जकिया गया है। मद्रास हाईकोर्ट की एक अधिवक्ता एस. देविका ने कर्णन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। कर्णन ने कहा कि शिकायतकर्ता एक पीड़ित पार्टी नहीं है। सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट की जज आर. बनुमथी जो कि सीधे तौर पर पीड़ित हैं, वहीं शिकायत दर्ज करा सकती हैं। 

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कर्णन ने हाल ही में एक वीडियो जारी किया था जिसमें उन्हें कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए और न्यायपालिका के अधिकारियों के खिलाफ यौन हिंसा की धमकी देते हुए सुना गया था। 

उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कुछ न्यायधीशों ने महिला कर्मचारियों के साथ यौन उत्पीड़न किया और उन्होंने कथित पीड़ितों के नाम भी लिए थे। 

बता दें कि जब कर्णन कलकत्ता हाईकोर्ट में जज थे तब उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में अदालत की अवमानना करने के लिए छह महीने की सजा सुनाई थी। उन्हें कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था और उन्होंने अपनी छह महीने की सजा भी पूरी की थी। 


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