Corona Vaccine : अपने पैसे से ली है वैक्सीन तो सर्टिफ़िकेट से हटे PM मोदी की फोटो, याचिका पर कोर्ट ने जारी किया नोटिस

Corona Vacaciones : कोर्ट ने उस याचिका पर नोटिस भेजकर जवाब मांगा है, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर के बिना कोरोना वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र की मांग की गई थी..

Update: 2021-10-11 02:32 GMT

(कोरोना वैक्सीन के सर्टिफिकेट से पीएम मोदी की तस्वीर हटाने को लेकर यह याचिका दायर की गई है) file pic.

Corona Vaccine : (जनज्वार)। कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट (Corona Vaccine Certificate ) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) की तस्वीर को लेकर केरल हाईकोर्ट (Kerala Highcourt) ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है।इस नोटिस के जरिए उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने उस याचिका पर नोटिस भेजकर जवाब मांगा है, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर के बिना कोरोना वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र की मांग की गई थी।

दरअसल, केरल (Kerala) के रहने वाले एक बुजुर्ग ने केरल हाई कोर्ट में अर्जी देकर कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की तस्वीर हटाने की मांग की है।

याचिका दायर करते हुए बुजुर्ग ने तर्क दिया है कि जब मैंने अपने पैसे (Own money) से कोरोना वैक्सीन ली है और सरकार सभी को फ्री में कोरोना वैक्सीन नहीं दे पा रही है तो फिर सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री मोदी की फोटो क्यों लगाई जा रही है। 

केरल के कोट्टायम के रहने वाले बुजुर्ग और आरटीआई कार्यकर्ता (RTI activist) पीटर म्यालीपराम्बिल ने यह याचिका दायर कर कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनके व्यक्तिगत वैक्सीन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री की तस्वीर उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि मुफ्त टीकों के स्लॉट में कमी होने के कारण उन्हें एक प्राइवेट अस्पताल (Private Hospital) में कोरोना वैक्सीन की डोज के लिए 750 रुपए का भुगतान करना पड़ा। इसलिए वैक्सीन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री की तस्वीर लगाकर सरकार को वैक्सीन के क्रेडिट लेने का दावा करने का कोई अधिकार नहीं है।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट के सामने दूसरे देशों का उदाहरण दिया है। उन्होंने अमेरिका, इंडोनेशिया, इजराइल, कुवैत, फ्रांस और जर्मनी के टीकाकरण प्रमाण पत्र की कॉपी प्रस्तुत की और कहा कि इनमें किसी पर भी प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या राष्ट्राध्यक्ष की तस्वीर नहीं है।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट के सामने यह भी कहा कि यह केवल एक व्यक्ति के टीकाकरण की स्थिति की पुष्टि (Certify) करने के लिए जारी किया गया एक सर्टिफिकेट है। इसलिए सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर का होना कोई जरुरी नहीं है।

याचिकाकर्ता पीटर अधिवक्ता अजीत जॉय ने दायर याचिका में आरोप लगाया कि महामारी के खिलाफ लड़ाई को जनसंपर्क (Public relations) और मीडिया अभियान में बदल दिया गया है।

इससे ऐसा लगता है कि यह वन मैन शो है और पूरा अभियान एक व्यक्ति को प्रोजेक्ट करना है। वह भी सरकारी खजाने की कीमत पर हो रहा है। रॉय ने याचिका में कहा कि उन्हें पीएम मोदी की फोटो के बिना वैक्सीन सर्टिफिकेट लेने का पूरा अधिकार है।

बता दें कि केंद्र सरकार पहले ही वैक्सीन सर्टिफिकेट में प्रधानमंत्री की तस्वीर को शामिल किए जाने पर अपना तर्क दे चुकी है। सरकार के मुताबिक पीएम मोदी की फोटो कोविड के खिलाफ जागरूकता पैदा करने में मदद करती है।

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