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मोदी सरकार GDP के आंकड़े जारी कर थपथपा रही पीठ तो BJP सांसद बेरोजगारी के डेटा के साथ कर रहे तंज

Janjwar Desk
2 Sep 2021 5:59 AM GMT
मोदी सरकार GDP के आंकड़े जारी कर थपथपा रही पीठ तो BJP सांसद बेरोजगारी के डेटा के साथ कर रहे तंज
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(मोदी सरकार GDP के आंकड़े जारी कर थपथपा रही पीठ, देश मे सुरसा की तरह बढ़ रही बेरोजगारी)

बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपने की सरकारी नीति की आलोचना करते हुए बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरा है..

जनज्वार। केंद्र की मोदी सरकार इन दिनों देश की जीडीपी के आंकड़े जारी कर अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अपनी उपलब्धियों का गुणगान कर रही है। सरकार का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में जीडीपी में 20.1 फीसदी का उछाल आया है। वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी के सांसद ही सरकारी दावे से इत्तेफाक नहीं जता रहे।

बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपने की सरकारी नीति की आलोचना करते हुए बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरा है। स्वामी ने ट्वीट कर एक रिपोर्ट शेयर की है, जिसमें देश की बेरोजगारी के आंकड़े पेश किए गए हैं।

सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करते हुए एक रिपोर्ट शेयर की है। उस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त में औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों के करीब 15 लाख से अधिक लोगों ने अपनी नौकरी खोई है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के अनुसार, कार्यरत लोगों की संख्या जुलाई में 399.38 मिलियन से गिरकर अगस्त में 397.78 मिलियन हो गई। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 13 लाख नौकरियों का नुकसान हुआ।

रिपोर्ट में उद्धृत CMIE के डेटा के मुताबिक अगस्त में शहरी बेरोजगारी दर लगभग 1.5 फीसदी बढ़कर 9.78 फीसदी हो गई। जुलाई में देश में शहरी बेरोजगारी दर 8.3 फीसदी थी। इसी तरह ग्रामीण बेरोजगारी दर भी अगस्त में 1.3 फीसदी बढ़कर 7.64 फीसदी हो गई। जुलाई में यह 6.34 फीसदी थी।

वैसे अर्थव्यवस्था और सरकार की विनिवेश नीति को लेकर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी पहले भी आलोचना कर चुके हैं। कुछ दिन पहले स्वामी ने सरकारी उपक्रमों के विनिवेश पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया था।

तब स्वामी ने ट्वीट कर लिखा था, "जब देश की अर्थव्यवस्था में गहरी गिरावट हो रही है ऐसे समय में सार्वजनिक उद्यम को बेचना मानसिक दिवालियापन और हताशा का संकेत है। यह एक अच्छी सोच नहीं है। मोदी सरकार इस बात से इनकार नहीं कर सकती कि सीएसओ के आंकड़े बताते हैं कि 2016 के बाद से जीडीपी में हर साल गिरावट आई है।"

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