लालू प्रसाद की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव, कुछ दिनों बाद दुबारा कराई जा सकती है उनकी जांच

रांची के रिम्स स्थित पेइंग वार्ड में भर्ती लालू प्रसाद और उनके सेवादारों की कोरोना जांच के लिए कल सैंपल लिया गया था। आज उसकी रिपोर्ट आई है। हालांकि उनको कोरोना का कोई लक्षण नहीं था, पर एहतियातन जांच कराई गई थी।

Update: 2020-07-26 16:47 GMT

File photo

जनज्वार। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, उनके परिवार, प्रशंसकों और समर्थकों के लिए यह सुकून भरी खबर है। लालू प्रसाद की कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव आ गई है। कोरोना जांच के लिए कल उनकी तथा उनके सेवादारों के सैंपल लिए गए थे।

बताया जाता है कि लालू प्रसाद में कोरोना संक्रमण का कोई लक्षण नहीं था और वे अभी पूरी तरह ठीक हैं। एहतियातन उनकी कोरोना जांच कराई गई है। हालांकि रिम्स से जुड़े कुछ स्वास्थ्यकर्मियों के रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। लालू प्रसाद की 5-7 दिनों बाद एक बार और कोरोना जांच कराई जा सकती है।

लालू प्रसाद दिसंबर 2017 से बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में थे। उनकी तबियत खराब होने के बाद उन्हें रांची स्थित रिम्स के पेइंग वार्ड में रखा गया। तभी से कई बीमारियों से ग्रस्त रहने के कारण वे रांची स्थित रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं। लालू प्रसाद वैसे तो कई बीमारियों से ग्रस्त बताए जाते हैं और अक्सर उनकी तबियत बिगड़ने की खबरें आतीं रहतीं हैं, पर उनके लिए राहत की बात है कि उनके कोरोना सैंपल की टेस्ट  रिपोर्ट नेगेटिव आ गई है।

बताया जाता है कि लालू प्रसाद पहले से किडनी, हार्ट, बीपी, शुगर आदि बीमारियों से ग्रस्त हैं। उनके एक सेवादार को खांसी-सर्दी की शिकायत के बाद उनका और उनके सेवादारों के सैंपल कोरोना टेस्ट के लिए लिए गए थे। रिम्स में कोरोना के मरीजों को भी भर्ती कराया जाता है। लालू प्रसाद स्वस्थ हैं,उनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं है औऱ सेवादार को खांसी-सर्दी की शिकायत के बाद एहतियातन उनकी जांच कराई गई।

बताया जा रहा है कि लालू प्रसाद की एक बार फिर 5-7 दिनों बाद फिर से कोरोना जांच कराई जा सकती है। उनका वार्ड रिम्स के पेइंग वार्ड की पहली मंजिल पर है। उसके ऊपर की दो मंजिलों पर कोरोना मरीजों को भी भर्ती किया जाता है।

लालू प्रसाद की कोरोना जांच हेतु सैंपल लिए जाने के कारण उनके परिवार के लोग, समर्थक और प्रशंसक टेंशन में थे। जाहिर है कि इस खबर के बाद उन्हें राहत मिलेगी। लालू प्रसाद अभी तीन केसों में सजायाफ्ता हैं और अक्सर तबियत खराब रहने के कारण रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं।

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