IIT गौहाटी रेपकेस के आरोपी छात्र को 'भविष्य की संपत्ति' बता कोर्ट ने दी जमानत

इस मामले में कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि आरोपी और पीड़ित दोनों ही राज्य की भविष्य की संपत्ति हैं इसलिए अगर आरोप तय कर लिये गये हैं तो आरोपी को हिरासत में रखना जरूरी नहीं है..

Update: 2021-08-24 08:41 GMT

गौहाटी IIT रेप केस में आरोपी छात्र को कोर्ट जमानत दे दी है

जनज्वार। गुवाहाटी हाई कोर्ट ने रेप के एक मामले में आईआईटी गुवाहाटी के एक छात्र को जमानत देते हुए उसे 'भविष्य की संपत्ति' बताया। गौहाटी आईआईटी में बीटेक के उस छात्र पर उसकी साथी छात्रा ने रेप का आरोप लगाया है। इस मामले में कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि आरोपी और पीड़ित दोनों ही राज्य की भविष्य की संपत्ति हैं इसलिए अगर आरोप तय कर लिये गये हैं तो आरोपी को हिरासत में रखना जरूरी नहीं है।

समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने यह फैसला आरोपी बीटेक छात्र की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया। जस्टिस अजीत बोरठाकुर ने कहा कि सबूतों के आधार पर प्रथमदृष्टया आरोपी के खिलाफ मामला बनता है। लेकिन आरोपी अभी युवा है और मात्र 21 साल का है इसलिए वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेगा, इसकी संभावना कम है।

कोर्ट ने आरोपी युवक को तीस हजार रुपये के मुचलके पर रिहा कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जांच पूरी हो चुकी है और अब उसे जमानत दिया जा सकता है। कोर्ट ने यह फैसला 13 अगस्त को सुनाया था। मामला 28 मार्च की रात का है जब युवक ने अपनी साथी लड़की के साथ रेप किया था उसे चार अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था।

दर्ज एफआईआर एवं पीड़ित छात्रा के बयान के हवाले से प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 28 मार्च की रात करीब 9 बजे आरोपी ने लड़की को कैम्पस में बुलाया था। फाइनेंस और इकॉनमिक क्लब में जॉइंट सेक्रेटरी के तौर पर उसके रोल को डिस्कस करने के बहाने से उसे बुलाया गया था। जब लड़की वहां पहुंची तो आरोपी ने उसे ज़बरन अल्कोहॉल पिलाकर अनकॉन्शियस किया और फिर रेप की घटना को अंजाम दिया। मामले में आरोपी की गिरफ्तारी 3 अप्रैल को हुई थी. मामला सामने आने के बाद IIT गौहाटी ने आरोपी स्टूडेंट को सस्पेंड भी कर दिया था.

13 अगस्त के आदेश में अदालत ने कहा है कि आईआईटी के दोनों छात्र 19 से 21 वर्ष आयु वर्ग के युवा हैं। दोनों अलग-अलग राज्यों से हैं। आरोप-पत्र में उल्लेखित गवाहों की सूची का अवलोकन करने के बाद आरोपी को जमानत पर रिहा करने से साक्ष्यों से छेड़छाड़ की संभावना नहीं दिखती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए उच्च न्यायालय ने आरोपी को 30 हजार रुपए के मुचलके और दो जमानतदारों की जमानत पर आरोपी को राहत प्रदान की है।

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