'योगी सरकार में दलितों-अल्पसंख्यकों की हो रही हत्यायें, बाबा का नफरती और गैरकानूनी बुलडोजर चलता है सिर्फ कमजोरों पर' दलित युवक हरिओम हत्याकांड में माले के गंभीर आरोप
माले का आरोप, दलित युवक हरिओम की रायबरेली के ऊंचाहार में ड्रोन चोर बताकर पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। एक अक्टूबर को हत्या कर उसकी लाश रेलवे लाईन पर डाल दी गई, जो अगले दिन मिली। पुलिस प्रशासन द्वारा घटना पर पर्दा डालने की हरसंभव कोशिश हुई...
Lucknow news : भाकपा (माले) ने कहा है कि योगी सरकार में दलितों व अल्पसंख्यकों की हत्या हो रही है और प्रशासन द्वारा अपराध को छुपाने की कोशिश की जा रही है। भाजपा व सरकार की नीतियों के चलते दबंगों, अपराधियों का मनोबल सातवें आसमान पर है और वे भयमुक्त होकर कमजोर वर्गों के खिलाफ आपराध को अंजाम दे रहे हैं।
पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने प्रेस को जारी एक बयान में कहा कि दलित हरिओम वाल्मिीकि (38 वर्ष) की रायबरेली के ऊंचाहार में ड्रोन चोर बताकर पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। एक अक्टूबर को हत्या कर उसकी लाश रेलवे लाईन पर डाल दी गई, जो अगले दिन मिली। पुलिस प्रशासन द्वारा घटना पर पर्दा डालने की हरसंभव कोशिश हुई। मृतक फतेहपुर जिले का निवासी था और रायबरेली जिले में अपनी ससुराल जा रहा था। पिटाई के दौरान जान बख्शने की गोहार लगा रहे हरिओम से हमलावर कहते रहे, "यहां सब बाबा के लोग हैं।"
राज्य सचिव ने कहा कि दलित हत्या की उक्त घटना से पहले आजमगढ़ के सिधारी थानाक्षेत्र में एक सात वर्षीय मुस्लिम बच्चे शाहजेब की बेरहमी से हत्या कर दी गई। बोरे में भरी उसकी लाश बहुसंख्यक समुदाय के पड़ोसी के दरवाजे पर बीते 25 सितंबर को टंगी मिली। परिजनों के अनुसार शाहजेब की हत्या पड़ोसी ने धार्मिक नफरत के चलते की। उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की होती, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।
माले नेता ने कहा कि भाजपा की नफरती राजनीति व संघ की जातीय घृणा की परंपरा का ही परिणाम है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई पर न्यायालय कक्ष में वकील द्वारा जूता फेंका गया। जूता फेंकने वाले ने सनातन का अपमान नहीं सहेंगे का नारा भी लगाया। माले राज्य सचिव ने कहा कि जूता सिर्फ दलित न्यायाधीश पर ही नहीं, बल्कि अंबेडकर लिखित भारतीय संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों पर फेंका गया। मुख्य न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठा दलित भाजपा-संघ के ब्राह्मणवादी अहंकार को गवारा नहीं है। इसकी जितनी भी भर्त्सना की जाए, कम है। ऐसे कृत्य करने वाले को सलाखों के पीछे होना चाहिए था, लेकिन उसे रिहा भी कर दिया गया।
माले राज्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कमजोर वर्गों की हत्या की घटनाएं दिखाती हैं कि यहां कानून का राज नहीं बल्कि दबंग राज है। बाबा का नफरती और गैरकानूनी बुलडोजर कमजोर वर्गों पर चलता है।
माले नेता ने कहा कि रायबरेली दलित हत्या की घटना के खिलाफ आज आठ अक्टूबर को भाकपा (माले) ने प्रतिवाद किया औश्र रायबरेली और आजमगढ़ की घटनाओं में पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने, प्रशासन की जवाबदेही तय करने और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की।