Dehradun News : किशोर उपाध्याय ने टिहरी में मांगा आवास, देहरादून का मोह छोड़ खींची बड़ी लकीर
Dehradun News : विधायक किशोर ने विधायक होने के नाते देहरादून में मिलने वाली आवास सुविधा देहरादून के बजाए अपने निर्वाचन क्षेत्र टिहरी (Tehri Garhwal) में ही यह सुविधा उपलब्ध कराए जाने की मांग की है.....
सलीम मलिक की रिपोर्ट
Dehradun News : उत्तराखंड (Uttarakhand) के जनप्रतिनिधियों पर अक्सर एक आरोप चस्पा रहता है कि पर्वतीय राज्य के होने के बाद भी उनके पर्वतीय क्षेत्र से सरोकार कम रहते हैं। पहाड़ी प्रदेश की राजधानी पहाड़ी क्षेत्र गैरसैण (Gairsain) की जगह देहरादून बनाए रखने की वजह से यह आरोप और भी पुख्ता हो जाता है। लेकिन अब टिहरी जिले के एक विधायक किशोर उपाध्याय (Kishor Upadhyay) ने इस मामले में ऐसी बड़ी लकीर खींच दी है जो अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए नजीर मानी जा सकती है।
विधायक किशोर ने विधायक होने के नाते देहरादून में मिलने वाली आवास सुविधा देहरादून (Dehradun News) के बजाए अपने निर्वाचन क्षेत्र टिहरी (Tehri Garhwal) में ही यह सुविधा उपलब्ध कराए जाने की मांग की है। इस बाबत उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र भी भेजा है।
विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election 2022) से पूर्व कांग्रेस से भाजपा (BJP) में शामिल होकर टिहरी से निर्वाचित होकर तीसरी बार विधायक बने पूर्व मंत्री किशोर उपाध्याय ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर अपने विधानसभा क्षेत्र में टिहरी में ही आवास आवंटित करने का आग्रह किया है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि यदि उनको देहरादून में कोई आवास आवंटित किया गया है तो उसे निरस्त किया जाए। स्थानीय लोगों के वनाधिकार मुद्दे पर गंभीर रूप से काम करने वाले विधायक किशोर उपाध्याय की इस पहल को कई लोग कम से कम पहाड़ के विधायकों के लिए एक नजीर के तौर पर देख रहे हैं।
उत्तराखंड में राजनीति (Uttarakhand Politics) का जो आम दस्तूर है उसके हिसाब से पहाड़ के क्षेत्र का विधायक तो छोड़िये प्रधान बनते ही उसकी पहली प्राथमिकता पहाड़ का घर छोड़कर देहरादून या हल्द्वानी में बसने की होती है। पहाड़ की राजनीति करने वाले तमाम नेताओं के देहरादून सहित इन सुगम जगहों पर बने आवास इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। पहाड़ के जनप्रतिनिधियों की ठेकेदारी, सचिवालय के इर्द गिर्द घूमकर होने वाली कवायद और तमाम तरह की गतिविधियां देहरादून में ही पूरी होती हैं।
वैसे कई लोग देहरादून में विधायकों को आवास आवंटित करने का विरोध करते रहे हैं। उनका तर्क है कि यदि जरूरी हो तो विधायकों को उनके विधानसभा क्षेत्र में आवास आवंटित किया जाए, जिससे वह अपने विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं से सीधे रुबरू हो सकें। ऐसे में पहाड़ अर्थात टिहरी से आने वाले विधायक किशोर उपाध्याय ने खुद इसकी पहल करते हुए पहाड़ के अन्य जनप्रतिनिधियों के सामने नैतिकता की बड़ी लकीर खींच दी है। देखना होगा कि पहाड़ के जन प्रतिनिधि इस पहल को किस रूप में लेते हैं ?