Lakhimpur Khiri Case: सुप्रीम कोर्ट ने कहा "लगता है यूपी सरकार अपराधियों के साथ है", जांच के लिए रिटायर्ड जज राकेश जैन को किया नियुक्त

Lakhimpur Khiri Case: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, "ऐसा लगा रहा है कि यूपी सरकार हिंसा में शामिल अपराधियों को बचाने का प्रयास कर रही है।" कोर्ट ने कहा कि, "आप (यूपी सरकार) ऐसे गवाह पेश कर रहे हैं जो अपराधियों को बेकसूर बता रहे हैं।"

Update: 2021-11-17 07:49 GMT

(लखीमपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार)


Lakhimpur Khiri Case: लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Khiri) हिंसा मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने योगी सरकार को फटकार लगाई है। खीरी हिंसा जांच में यूपी के योगी सरकार के सुस्त रवैये को देखकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, "लगता है यूपी सरकार (Uttar Pradesh Government) अपराधियों के साथ है।" यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने खीरी हिंसा (Lakhimpur Khiri Violence) की जांच के लिए रिटायर्ड जज राकेश जैन को नियुक्त किया है। सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का पुनर्गठन किया है। इसमें 3 वरिष्ठ आइपीएस अधिकारियों, एसबी शिरोडकर, दीपिंदर सिंह और पद्मजा चौहान को शामिल किया गया है। सुप्रीम कोर्ट मामले में चार्जशीट दाखिल होने और सेवानिवृत्त जज से रिपोर्ट मिलने के बाद मामले की अगली सुनवाई करेगा।

मंगलवार, 16 नवंबर को मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने एसआईटी (Special Investigating Team) जांच में छोटी रैंक के पुलिस अधिकारियों के शामिल होने को लेकर आपत्ति जताई थी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से उत्तर प्रदेश काडर के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों के नामों को लेकर सुझाव मांगे थे और स्पष्ट कहा था कि जांच टीम में शामिल अधिकारी उत्तर प्रदेश का निवासी नहीं होना चाहिए।

आज, यानि 17 नवंबर को मामले की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने यूपी सरकार को फिर से फटकार लगाई और कहा कि, "ऐसा लगा रहा है कि यूपी सरकार हिंसा में शामिल अपराधियों को बचाने का प्रयास कर रही है।" कोर्ट ने कहा कि, "आप (यूपी सरकार) ऐसे गवाह पेश कर रहे हैं जो अपराधियों को बेकसूर बता रहे हैं।" पीठ ने मामले की जांच रिटायर्ड जज को सौंपते हुए कहा कि, "मामले में निष्पक्ष जांच और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह जरूरी कदम उठाए गए हैं।"

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जज करेंगे जांच

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार को एक हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की निगरानी में जांच कराने का निर्देश दिया था। इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज राकेश कुमार जैन, रंजीत सिंह के नाम सुझाए थे। शीर्ष कोर्ट ने राज्य के कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी एसआईटी में शामिल करने को कहा था। आज इस पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी में तीन वरिष्ठ आईपीएस अफसरों को जगह दी। इनमें एसबी शिरोडकर, दीपिंदर सिंह और पद्मजा चौहान का नाम शामिल है।


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