ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग, गैंगस्टर विकास दुबे की मूर्ति लगाने का किया था ऐलान

अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ अधिवक्ता सर्वेश शुक्ला ने पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा है व उनके खिलाफ मुकदमा दायर करने की मांग की है....

Update: 2021-08-03 15:03 GMT

(27 जुलाई को कानपुर के चौबेपुर में आयोजित ब्राह्मण महासम्मेलन में राजेेंद्र नाथ त्रिपाठी ने किया था विकास दुबे की मूर्ति लगाने का ऐलान)

जनज्वार। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के लिए जैसे-जैसे समय नजदीक आ रहा है। जाति के आधार पर वोटरों को लुभाने के लिए सभी हथकंडे अपनाने की कोशिश भी शुरू हो गई है। दरअसल हाल ही में अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी ने गैंगस्टर विकास दुबे और श्रीप्रकाश शुक्ला की मूर्तियां लगवाने का ऐलान किया था। उनके बयान के खिलाफ अब नई बहस छिड़ गई है। अब मंगलवार को कानपुर के एक अधिवक्ता ने राजेंद्रनाथ त्रिपाठी के खिलाफ पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौपा और मुकदमा दर्ज करने की मांग है।

खबरों के मुताबिक बीते 27 जुलाई को कानपुर के चौबेपुर में ब्राह्मण महासम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि जब डकैत फूलनदेवी की मूर्तियां लग सकती हैं तो विकास दुबे और श्रीप्रकाश शुक्ला की मूर्तियां क्यों नहीं लग सकती हैं। शुक्ला ने कहा था कि मैं विकास दुबे और श्रीप्रकाश शुक्ला की प्रतिमाएं लगाउंगा। भगवान श्री परशुराम का भी भव्य मंदिर बनाया जाएगा।

अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ अधिवक्ता सर्वेश शुक्ला ने पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा है व उनके खिलाफ मुकदमा दायर करने की मांग की है। सर्वेश शुक्ला का कहना है कि उन्होंने विकास दुबे और श्रीप्रकाश शुक्ला अपराधी थे। किसी भी अपराधी को महापुरुष कैसे कहा जा सकता है। एक अपराधी की मूर्तियां किसी भी कीमत पर नहीं लगाई जा सकती हैं।

सर्वेश शुक्ला यह भी कहते हैं कि इन दिनों समाचार चल रहे हैं कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे और श्रीप्रकाश शुक्ला को महापुरुष बताया जा रहा है। हम लोग भी ब्राह्मण समाज से हैं, विकास दुबे और श्रीप्रकाश शुक्ला को महापुरूष की संज्ञा नहीं दी जा सकती है। अपराधी की कोई जाति नहीं होती है। यदि अपराधियों की मूर्तियां लगती हैं और उनपर कार्रवाई नहीं होती है। हम लोग आमरण अनशन करेंगे और कोर्ट की शरण लेंगे।

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