देवस्थानम बोर्ड का मामला : अब केदारनाथ धाम के पुरोहितों ने खून से मोदी को लिखे ख़त

बीते दो सालों में तीर्थ पुरोहित केदारघाटी के मुख्य बाजारों में भी प्रदर्शन कर चुके हैं। सरकार ने पूरे प्रकरण में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। जिसको लेकर तीर्थ पुरोहित समाज में बेहद आक्रोश देखने को मिल रहा है......

Update: 2021-08-11 15:27 GMT

(तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी इतनी ज्यादा बढ़ गयी कि उन्हें अब राज्य सरकार पर ही कोई भरोसा नहीं रहा, प्रधानमंत्री मोदी को खून से लिख चुके हैं खत)

सलीम मलिक की रिपोर्ट

रूद्रप्रयाग। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा देवस्थानम बोर्ड एक्ट को फिलहाल 'फ़्रिज' किये जाने के आश्वासन के बाद भी उत्तराखंड में देवस्थान बोर्ड का मुद्दा गरमाता जा रहा है। नाराज पुरोहितों ने सामूहिक रूप से भाजपा की सदस्यता छोड़ने की चेतावनी देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने खून से लिखे पत्र भेजकर देवस्थानम बोर्ड एक्ट को रद्द करने की गुहार लगाई है। तीर्थ पुरोहितों को उम्मीद है कि देश के आम चुनाव के दौरान केदारनाथ धाम में आकर साधना करने नरेन्द्र मोदी इस मामले का संज्ञान अवश्य लेंगे।

दरअसल प्रदेश की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य के मंदिरों तीर्थ स्थलों व पवित्र धामों को रेगुलाईज करने की मंशा से 'देवस्थानम बोर्ड' का गठन किया था। देवस्थानम बोर्ड के गठन पर पुजारी संघ ने आपत्ति जताते हुए इसे भंग करने की मांग की थी। लेकिन त्रिवेन्द्र सरकार ने पुरोहितों की मांग को नज़रअंदाज़ कर दिया। त्रिवेन्द्र के बाद आये अगले मुख्यमंत्री के रूप तीरथ सिंह रावत भी इस बोर्ड को भंग न कर सके। जिसके बाद यह मामला अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सिरदर्द बना हुआ है। हालांकि मुख्यमंत्री धामी बोर्ड को फिलहाल 'फ़्रिज' कर मामले के निस्तारण के लिए कमेटी के गठन की बात कह चुके हैं, लेकिन पुरोहित इससे सहमत नहीं हैं।

बीते दो सालों में तीर्थ पुरोहित केदारघाटी के मुख्य बाजारों में भी प्रदर्शन कर चुके हैं। सरकार ने पूरे प्रकरण में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। जिसको लेकर तीर्थ पुरोहित समाज में बेहद आक्रोश देखने को मिल रहा है।

तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी इतनी ज्यादा बढ़ गयी है कि उन्हें अब राज्य सरकार पर ही कोई भरोसा नहीं रहा। ऐसे में उन्होंने अब सामूहिक रूप से भाजपा छोड़ने की चेतावनी के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने खून से पत्र लिखकर गुहार लगाई है। ​

अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित युवा महासभा और श्री केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों द्वारा नरेन्द्र मोदी को भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि 'पुरोहितों के हक, हुकूकों के साथ जबरन खिलवाड़ किया जा रहा है, जो न्यायोचित नहीं है।' तीर्थ पुरोहितों ने लिखा है कि राज्य सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड बनाने का कदम सनातन धर्म की पौराणिक परंपराओं के ​साथ छेड़छाड़ है। इसलिए पीएम मोदी मामले में दखल देकर बोर्ड को रदद करवाएं। करने की मांग की है।

राज्य के तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज का मानना है कि केदारनाथ धाम से विशेष लगाव रखने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने उनकी पुकार अनसुनी नहीं रहेगी।

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