Drought in UP-Bihar: यूपी, बिहार, झारखंड में अगर एक और हफ्ते बारिश नहीं तो पड़ सकता है सूखा, हालात देख किसानों की धड़कने बढ़ी
Drought in UP-Bihar: यूपी, बिहार, झारखंड और बंगाल में अच्छी बारिश होने की सम्भावना है। कृषि मंत्रालय के आकड़ो के मुताबिक बीते 10 वर्षो के धान की बुआई के मुताबिक यह सबसे खराब हालत है...
Drought in UP-Bihar: बारिश नहीं होने की कारण किसान बहुत परेशान हैं। बारिश न होने की वजह से सूखे जैसे हालत पनपने लगते हैं। जिसे किसानों का जीवन बहुत प्रभावित होता है। जानकारों का कहना है कि यदि इस हफ्ते बारिश नहीं हुई तो तीन राज्यों में सूखे के हालत हो सकते हैं। हालाँकि मौसम विभाग ने यह भी सन्देश दिया है कि हालात अच्छे होने की सम्भावना है अगले 3 या 4 दिन में यूपी, बिहार और झारखंड में बारिश हो सकती है। पुरे देशभर में मंगलवार तक मानसून की बारिश सामान्य से 12% ज्यादा दर्ज हुई है। वही उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में सामान्य की तुलना में 67 % तक कम बारिश हुई है। इसमें सबसे ज्यादा अधिक प्रभावित होने वाली फसल धान है।
बिहार में पड़ सकता है सूखा
बिहार में पिछले कुछ सप्ताह से न के बराबर बारिश हुई है। इसके कारण प्रदेश के तकरीबन सभी हिस्सों में सूखे जैसी परिस्थिति पैदा हो गई है। आमलोग जहां गर्मी से परेशान हैं तो वहीं किसान भाइयों को फसल की चिंता सताने लगी है। दक्षिण-पश्चिम मानसून की अवधि धान की खेती के लिए काफी अहम होती है। ऐसे में पर्याप्त बारिश नहीं होने से फसल के प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार ही यदि बारिश हुई तो खेतीबारी का काम पटरी पर आने की संभावना है। हालाँकि सूखे जैसे हालात का सामना कर रहे बिहार कि लिए अच्छी खबर है। IMD ने 23 जुलाई 2022 तक के लिए मौसम पूर्वानुमान जारी किया है। इसके अनुसार, बिहार में 20 से 23 जुलाई 2022 तक अच्छी बारिश होने की संभावना जताई गई है। बिहार में दक्षिण-पश्चिम मानसून के कमजोर होने से बारिश का दौर थम गया है। पिछले कुछ सप्ताह से प्रदेश में अच्छी बारिश नहीं हुई है। इससे हर तरफ सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं। इससे खासकर किसानों की समस्याएं बढ़ गई हैं। मौसम विभाग का ताजा पूर्वानुमान राहत पहुंचाने वाला है। अच्छी बारिश होने से खेतीबारी के काम के एक बार फिर से रफ्तार पकड़ने की संभावना है।
मंडराया सूखे का खतरा
बता दें उत्तर प्रदेश में भी सूखे का खतरा मंडरा रहा है। अभी तक गोरखपुर मंडल में औसत वर्षा से 80 फीसदी कम बारिश हुई है। इसने किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें ला दी हैं। पिछले 17 दिन से बारिश न होने से किसान सिंचाई कर धान की फसल बचाने की कोशिश ने जुटे हैं। मौसम विशेषज्ञ केसी पाण्डेय ने बताया कि मंडल में सूखे की स्थिति बनती जा रही है। जून से अब तक सामान्य से 80 फीसदी कम बारिश हुई है। इस महीने में सिर्फ 12 मिलीमीटर ही बारिश हुई है। यह सामान्य से करीब 95 फीसदी कम है। यह स्थिति चिंताजनक है। बारिश के कुछ दिन और हालात इसी तरह रहे तो किसान सिंचाई के बूते फसल नहीं बचा पाएंगे। सूखे जैसे हालात बनाने की सम्भावना बन जाएगी।
चावल को लेकर चिंता की जरुरत नहीं
बता दें यूपी, बिहार, झारखंड और बंगाल में अच्छी बारिश होने की सम्भावना है। कृषि मंत्रालय के आकड़ो के मुताबिक बीते 10 वर्षो के धान की बुआई के मुताबिक यह सबसे खराब हालत है। कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा कहते है कि बारिश कमी के कारण धान की रोपाई में देरी हो रही है। परन्तु चावल को लेकर चिंता की जरुरत नहीं है। देश में चावल का भंडार करीब 470 लाख टन है।