कृषि बिल पर चौतरफा सवाल, प्रख्यात पत्रकार पी साईंनाथ ने कहा, मोदी ने राज्य के विषय का किया अतिक्रमण
मोदी सरकार के कृषि विधेयक को संघीय ढांचे पर हमला बताया जा रहा है। प्रख्यात पत्रकार पी साईंनाथ ने कहा है कि यह राज्य का विषय है। गुलाम नबी आजाद के बाद साईंनाथ ने भी एमएसपी के लिए विधेयक लाने की मांग की है...
जनज्वार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा संसद में पारित कराए गए दो कृषि विधेयकों पर जहां एक ओर किसान देश भर में आंदोलन कर रहे हैं, वहीं विपक्षी दल से लेकर उनके सहयोगी दल तक उन पर इसको लेकर हमला कर रहे हैं। विभिन्न बुद्धिजीवियों व कृषि विशेषज्ञों ने भी मोदी सरकार के इस बिल का विरोध किया है। ग्रामीण व कृषि पत्रकारिता के क्षेत्र में फोकस्ड काम करने वाले प्रख्यात पत्रकार पी साईंनाथ ने भी मोदी के फैसलों की आलोचना की है।
साईनाथ ने कहा है कि मोदी सरकार ने इस बिल के द्वारा संवैधानिक व्यवस्था का उल्लंघन किया है। साईंनाथ ने कहा है कि कृषि राज्य का विषय है, जिसका उल्लंघन किया गया है। उन्होंने कहा कि संघीय ढांचे में राज्यों के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए।
साईंनाथ ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा आश्वासन दिया है कि वे एमएसपी को भी खत्म नहीं होने देंगे, वे किसानों की कमाई 2022 तक दोगुनी कर देंगे। यह अच्छी बात है, लेकिन इन आश्वासनों को एक बिल के द्वारा उन्हें निश्चित करने से किसने रोका है? उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कृषि से संबंधित बाकी तीन विधेयकों के विपरीत यह बिना विरोध संसद में पास हो जाएगा।
उन्होंने कहा है कि अगर सरकार ऐसा विधेयक लाती है तो संसद में घमासान नहीं होगा। पीएम आसानी से इस बिल को पास होते देखेंगे।
मालूम हो कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने भी यह कहा है कि एक अन्य बिल पारित कर सरकार किसानों को एमएसपी पर सुरक्षा प्रदान करे।
उधर, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एएनआइ को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि एमएसपी के लिए कभी किसी सरकार ने कानूनी प्रावधान नहीं किया, कांग्रेस ने 50 सालों में ऐसा नहीं किया। तोमर के अनुसार, न्यूनतम समर्थन मूल्य एक प्रशासनिक व्यवस्था है जिसके तहत किसानों की अनाज खरीदी जाती है, जो आगे भी जारी रहेगी। तोमर ने यह भी कहा है कि मोदी सरकार देश की पहली सरकार है जिसने लागत से डेढ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है।
वहीं, झारखंड के मुख्यमंत्री व झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने नरेंद्र मोदी सरकार के कृषि विधेयक को राज्यों के अधिकारों का उल्लंघन बताया है और संघीय ढांचे की मर्यादा के खिलाफ करार दिया है। हेमंत सोरेन ने कहा है कि इस विधेयक के खिलाफ व्यापक आंदोलन खड़ा किया जाएगा।